शनिवार, 4 अप्रैल 2009

"थार" न कर दे बेजार...

बाडमेर।भारत और पाकिस्तान के बीच मुनाबाव-खोखरापार रेलमार्ग पर चल रही थार एक्सप्रेस के बाडमेर में ठहराव के प्रस्ताव ने सुरक्षा व गुप्तचर एजेंसियों को चिंता एवं आशंकाओं की गहरी खाई में धकेल दिया है। रेलवे स्टेशन से लेकर बाह्य सुरक्षा व्यवस्था में चारों ओर पोल ही पोल होने के कारण थार का यहां ठहराव सुरक्षा एजेंसियों को खतरे से खाली नहीं लग रहा है।रेलवे स्टेशन बाडमेर पर सुरक्षा के लिए रेलवे के जीआरपी व आरपीएफ के थाने हैं। पर्याप्त भवन का अभाव और दोनों थानों में पदरिक्तता व संसाधनों का टोटा लम्बे समय से है। स्टेशन पर सरहद पार करने की फिराक में आने वाले बांग्लादेशी भी इन एजेंसियों के हत्थे यदा-कदा चढते हैं तो पाक से आने वाले प्रशिक्षित दहशतगर्द तो इनके लिए भूसे में सुई ढंूढने के समान ही होगा।रेलवे स्टेशन के बाहर राजस्थान पुलिस, सीआईडी (बीआई) समेत अन्य सुरक्षा व गुप्तचर एजेसिंयों की भी यही स्थिति है।सीआईडी (बीआई) लम्बे समय से पदरिक्तता, कामकाज के बढते बोझ एवं संसाधनों की कमी से जूझ रही है। कमोबेश यही स्थिति राज्य पुलिस की भी है। डण्डे के बल पर इतनी बडी जिम्मेदारी सुरक्षा पर सवालिया निशान लगा देगी, इसमें कोई दो राय नहीं है। हाईटेक क्राइम, साइबर क्राइम से निपटने में प्रशिक्षण, संसाधन व अनुभव की कमी को पुलिस के उच्चाघिकारी कई बार जाहिर कर चुके हैं, लेकिन कवायद के नाम पर धेला भी नहीं सरका है।यह भी है महत्वपूर्ण बाडमेर रेलवे स्टेशन के नजदीक सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण वायुसेना व थलसेना के स्टेशन हैं। बीएसएफ के सेक्टर मुख्यालय समेत आकाशवाणी, दूरदर्शन एवं विभिन्न सरकारी व निजी कंपनियों के बडे कार्यालय हैं। स्टेशन से चंद किलोमीटर के फासले पर भादरेस में अरबों रूपयों की लागत से निर्माणाधीन पॉवर प्लांट्स, गिरल में कार्यरत पॉवर प्लांट्स एवं नागाणा में तेल के भण्डार स्थित हैं। इसी स्टेशन से कुछ दूरी पर विश्व की सबसे लम्बे हीटेड तेल-गैस पाइप लाइन प्रस्तावित है। इसके लिए कार्य शुरू हो चुका है।नियम का क्या होगा !नेशनल हाइवे 15 के पश्चिम दिशा में विदेशी नागरिकों के प्रवेश पर प्रतिबंध है। इस दायरे में बाडमेर का रेलवे स्टेशन भी आता है। अब सवाल यह है कि यदि नियम में संशोधन अथवा बदलाव नहीं किया तो "थार" ठहराव के दौरान स्टेशन पर उतरने वाले पाक नागरिक उल्लंघन के दोषी होंगे। यदि नियम में संशोधन कर विदेशी नागरिकों को छूट दी गई तो फिर विदेशी नागरिक सरहद तक बेरोकटोक आ जा सकेंगे।
सोर्स : http://www.patrika.com/news.aspx?id=150537

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विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित