शनिवार, 30 मई 2009

धौंसपट्टी" पर अब चीन की शह

मुनाबाव। पडोसी मुल्क पाकिस्तान अब देश की सुरक्षा को नए सिरे से चुनौती दे रहा है। फरवरी 2006 में मुनाबाव-खोखरापार के रास्ते दोस्ती का सफर शुरू करने की कीमत पर अन्तरराष्ट्रीय नियमों के विपरीत अस्थायी स्टेशन बनाने वाला पाकिस्तान अब पक्का व अन्तरराष्ट्रीय स्टेशन बनवाने की तैयारी में है और इसमें चीन उसकी मदद कर रहा है। स्टेशन निर्माण के लिए चीन की एक कंस्ट्रक्शन कम्पनी को ठेका दिए जाने की खबर है। करीब पन्द्रह दिन पहले चीन की कम्पनी के इंजीनियरों से सर्वे भी कराया गया है। तीन-चार महीने पहले स्टेशन के सामने तथा पीछे अर्थ वर्किग और जमीन के ऊपर कुछ निर्माण कर पाकिस्तान ने काम रोक दिया था। अब नए सर्वे के आधार पर खोखरापार स्टेशन से करीब दस किलोमीटर पहले पाक अन्तरराष्ट्रीय स्तर का आलीशान स्टेशन बनाने की फिराक में है। योजना के मुताबिक जीरो लाइन स्टेशन की रेल लाइन के निकट पक्की सडक भी बनाई जाएगी। भारी न पड जाए केन्द्र की चुप्पीथार एक्सप्रेस शुरू होने से पहले पाकिस्तान की जीरो लाइन पर स्टेशन निर्माण की कोशिशों पर बीएसएफ ने कडी आपत्ति दर्ज कराई थी। विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक इसके लिए बीएसएफ ने केन्द्र सरकार से हस्तक्षेप का अनुरोध भी किया, लेकिन बात दोस्ती के जुनून में दबी रह गई। बीएसएफ ने पाक रेंजर्स के साथ विभिन्न स्तरों की बैठकों में भी यह मुद्दा कई बार उठाया, लेकिन केन्द्र सरकार के स्तर पर इस मुद्दे को लेकर चुप्पी बरकरार है।अभी यह है स्थितिफिलहाल स्टेशन के नाम पर छाया के लिए लोहे के एंगल्स पर सीमेंट की चद्दरें लगी हैं। कहने को स्टेशन थार एक्सप्रेस के यात्रियों की जांच के काम आता है, लेकिन वहां कस्टम, इमीग्रेशन जांच केबिन तक नहीं हैं।सुरक्षा को खतरापाक रेलवे स्टेशन जीरो लाइन के निकट ऊंचे टीबे पर बना है। इसके सामने ही बीएसएफ का कॉन्फ्रेंस हॉल है। ऎसे में भारतीय क्षेत्र की हर गतिविधि पर पाक की सीधी नजर रहेगी। साथ ही सुरक्षा के लिए खतरा और बढ जाएगा। जीरो लाइन के निकट स्टेशन होने से पाक सेना के लिए सामरिक साजो-सामान रेल मार्ग से सरहद तक पहुंचाना आसान हो जाएगा। हाल ही मुम्बई पर आतंकी हमले के बाद पाक से सटी सीमा पर उपजे तनाव के दौरान सीमा पर पाकिस्तानी फौज की तैनाती के दौरान अस्थायी स्टेशन तक पाक सैन्य साजो-सामान से लदी ट्रेनें आने की बात छिपी नहीं है।"नो मैन्स लैण्ड" का नियमअंतरराष्ट्रीय सीमा सम्बंधी नियमों के मुताबिक जीरो लाइन के दोनों तरफ 150-150 मीटर की दूरी तक का इलाका "नो मैन्स लैण्ड" होता है, जिसमें कोई भी देश किसी तरह का कच्चा या पक्का निर्माण कार्य नहीं करा सकता। भारत की ओर तारबंदी भी 150 मीटर की दूरी पर लगाई गई, लेकिन यह स्टेशन लगभग जीरो लाइन के ऊपर ही बना हुआ है। पडोसी देश की आपत्ति पर ध्यान न दिए जाने पर सम्बंधित देश को उसे ध्वस्त कर देने का अधिकार भी यह नियम देता है। लेकिन केंद्र सरकार अभी तक इस मामले पर चुप्पी साधे हुए है। खतरनाक पैंतराचीनी कम्पनी को जीरो लाइन पर आलीशान स्टेशन का ठेकाखोखरापार से 10 किमी पहले स्टेशन बनाने की फिराक में है पाकिस्तानजीरो लाइन स्टेशन की रेल लाइन के पास पक्की सडक बनाने की तैयारी15 दिन पहले चीन की कम्पनी के इंजीनियरों से करवाया सर्वे राजेन्द्र सिंह मान
राजस्थान पत्रिका
स्त्रोत : http://www.patrika.com/news.aspx?id=180782

शुक्रवार, 22 मई 2009

सीमा पार से नापाक नजर

जोधपुर। पाकिस्तान में सक्रिय भारत विरोधी संगठन बार-बार मुंह की खाने के बावजूद पश्चिम सरहद को घुसपैठ का जरिया बनाने की कोशिशों से बाज नहीं आ रहे। राजस्थान के श्रीगंगानगर से सटी अन्तरराष्ट्रीय सीमा पर बुधवार रात मारा गया पाकिस्तानी घुसपैठिया भी इन संगठनों की ताजा कोशिश का हिस्सा था। सीसुब सूत्रों का कहना है कि सीमा पार से भारतीय क्षेत्र में सतर्कता का अन्दाजा लगाने के लिए "बलि का बकरा" भेजा जाता है। ताकि बडी घुसपैठ करवाई जा सके। तकनीकी भाषा में इसे "ड्राइ रन" कहते हैं। धकेला गया व्यक्ति पार हो जाए तो घुसपैठ की बडी कोशिश की जाती है। पश्चिम सीमा पर निशानागत नवम्बर में मुम्बई पर आतंककारी हमले के बाद से राजस्थान, खासकर श्रीगंगानगर से सटी सीमा पर घुसपैठ की कोशिशें कुछ ज्यादा ही बढी है। इन्हीं कोशिशों के चलते पांच माह की अवधि में ही छह घुसपैठिये ही सीसुब के हाथों मारे गए जबकि चार जिन्दा पकड लिए गए। तालिबान का खतरामारे गए लोगों में पाकिस्तान के तालिबान के नियंत्रण वाली स्वात वैली क्षेत्र का एक युवक शामिल होने से घुसपैठ के पीछे तालिबान का हाथ होने की आशंका जताई गई थी। इसी दौरान पाकिस्तान के पंजाब प्रान्त में तालिबानी हमला होने से इस आशंका को बल मिला। इसके बाद से ही पंजाब व राजस्थान से सटी सीमा पर अत्यधिक सतर्कता बरती जा रही है।ड्राइ रन के नापाक इरादे श्रीगंगानगर सेक्टर के अनूपगढ स्थित सीमा स्तम्भ संख्या 387 के पास बुधवार रात मारा गया 21 वर्षीय घुसपैठिया भी नापाक इरादों से ही भेजा गया था। इसके पास कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज भी मिले हैं। इससे अन्दाजा लगता है कि घुसपैठिया किसी "टास्क" पर आया था। इसके पास मिली डायरी के सांकेतिक व कूट शब्दों तथा नम्बरों के आधार पर इस बारे में पडताल की जा रही है।घनी आबादी का फायदाराष्ट्रविरोधी तत्व पंजाब व श्रीगंगानगर से सटी सीमा के दोनों ओर घनी आबादी का फायदा लेने की फिराक में भी रहते है, लेकिन बाडमेर-जैसलमेर से सटी सीमा पर कई किलोमीटर तक निर्जन इलाका होने से राह इतनी आसान नहीं होती। इसलिए ही सम्भवत: पंजाब-श्रीगंगानगर क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिशें बढ रही है, लेकिन हर बार सजग सीमा प्रहरी इरादे नाकाम कर देते हैं।
सुरेश व्यास

सोमवार, 11 मई 2009

बॉर्डर की दूसरी दीवार खोखली!

जोधपुर। पाकिस्तान से लगती राज्य की सीमा पर दुश्मन के नापाक इरादों को नाकाम करने के लिए सबसे आगे बीएसएफ के जांबाज जवान डंटे हैं और "दूसरी दीवार" पर काबिज है सिविल पुलिस। लेकिन अधिकांश सीमावर्ती थानों का बुरा हाल है। यहां बिजली, पानी एवं टेलीफोन की सुविधा तो छोडिए, मैन पावर का खासा टोटा है। सुरक्षा की इस अनदेखी की भारी कीमत जनता को चुकानी पड सकती है। सिर पर मंडरा रहा है खतरा!सुरक्षा में कोताही का यह आलम तब है, जब पाकिस्तान में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। हमारे देश पर पाक खुफिया एजेंसी आईएसआई की टेढी नजर। थार के रास्ते जाली नोट एवं मादक पदार्थो की तस्करी के कई मामले सामने आए हैं।बुनियादी सुविधाएं नदारदअंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाडमेर-जैसलमेर के छह-छह थाने हैं, लेकिन किसी भी थानाकर्मी के पास मोबाइल की सरकारी सुविधा नहीं है। थाना शाहगढ में बिजली, पानी एवं टेलीफोन की सुविधा नहीं है। थाना झिझानियाली में टेलीफोन एवं मीठा पानी नहीं है। सम थाने के कर्मचारियों को भी मीठा पानी नसीब नहीं होता। बाडमेर की 14 चौकियों में टेलीफोन नहीं है। इनमें अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगती चौकी बंधडा, बुरहान का तला, ओगाला, सारला, मुनाबाव एवं सियाणा शामिल है। आपसी सम्पर्क का जरिया वायरलैस ही है। 1 जीप, 5 लीटर डीजलसीमावर्ती रामगढ थाने का क्षेत्र 6759 वर्ग किलोमीटर में फैला है। पुलिस यहां रोजाना गश्त का दावा करती है। लेकिन संसाधन के नाम पर उनके पास केवल एक जीप एवं एक मोटरसाइकिल है और महीने का मिलता है महज डेढ सौ लीटर डीजल यानी रोजाना औसतन महज पांच लीटर डीजल। ...यहां तो हाल-बेहालमोहनगढ थाने का क्षेत्रफल 6346 वर्ग किलोमीटर, झिझनियाली का 4800, सम को 2847, शाहगढ का 2160 एवं नाचणा थाने का क्षेत्रफल 1600 वर्ग किलोमीटर तक फैला है। यहां भी गश्त के लिए एक जीप व मोटरसाइकिल है और तेल मिलता है महज सौ से ढाई सौ लीटर प्रतिमाह।सीमा पर पुलिस बाडमेरथाने-गिराब, रामसर, बाखासर, सेडवा, बिजराड व गडरा रोड।चौकियां-हरसाणी, बंधडा, सियाणी, सारला, बुरान का तला, ओगाला व मुनाबाव।जैसलमेर थाने-मोहनगढ, रामगढ, शाहगढ, नाचणा, सम एवं झिझनियाली।चौकियां-नेहडाई, 113 आरडी, खुईयाला, साधना, लोहार व म्याजला।
मनोज शर्मा

विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित