शनिवार, 11 जुलाई 2009

तालिबानी खौफ से उखड़ने लगे हिंदू

जोधपुर,। तालिबान की मनमानियों से पाकिस्तान के पंजाब सूबे के रहीमयार खान व बहावलपुर जिले तथा सिंध प्रांत के हरपाल जिले के हिन्दुओं में भय व्याप्त है।

इन इलाकों में खासकर भील एवं मेघवाल जाति के लोग रहे हैं। हालांकि इनके साथ वहां कट्टरपंथी ताकतों ही नहीं शासन के द्वारा भी बुरा बर्ताव होता रहा है, लेकिन तालिबान के खौफ ने उन्हें वहां से उखाड़ना शुरू कर दिया है। थार एक्सप्रेस इनके लिए जान बचा कर भागने का मुफीद साधन बनी हुई है, जिसमें हाल ही ऎसे लोग काफी संख्या में आए हैं और आगे यह तादाद और बढ़ सकती है।

भारत में बसना सपना
जोधपुर, पाली, जालोर व सिरोही जिलों में लॉन्ग टर्म वीजा पर रहने वाले पाकिस्तानी हिन्दुओं की तादाद वर्तमान में करीब पांच से छह हजार है। इनमें करीब चार हजार को भारतीय नागरिकता के आवेदन के लिए जरूरी सात साल से ज्यादा समय हो चुका है। यह दीगर बात है कि कई लोग बीस साल से नागरिकता नहीं ले पाए हैं। आड़े आ रहा है भारी-भरकम शुल्क। एक परिवार पर अलग-अलग धाराओं में नागरिकता शुल्क पर पचास हजार से सवा लाख रूपए तक खर्च आता है।

ट्यूरिस्ट वीजा पर यात्रा
थार एक्सप्रेस आने वाले अधिकांश लोग ट्यूरिस्ट वीजा पर आते हैं। उसकी अवधि अधिकतम तीस दिन होती है। पाक नहीं लौटने वाले लोग वहां हो रहे उत्पीड़न तथा भारतीय नागरिक बनने को आधार बना कर वीजा अवधि बढ़वाते रहते हैं। अधिकतम एक साल का एक्सटेंशन मिलता है, जिसके लिए छह माह पहले आवेदन करना पड़ता है।

सन् 71 में बड़ा पलायन
वर्तमान में पाकिस्तान के हालात सबसे ज्यादा खराब है और हिन्दू अपना घर-परिवार छोड़कर भारत आ रहे हैं और अब यहीं पर बसना चाहते हैं। एक अनुमान के अनुसार सन् 1971 में करीब नब्बे हजार तथा सन् 1965 में आठ-दस हजार पाकिस्तानी हिन्दू पलायन कर भारत में आ बसे थे।

उत्पीड़न से पलायन बढ़ेगा
"पाकिस्तान में हिन्दुओं पर उत्पीड़न आने वाले दिनों में और बढ़ेगा। भारत आने वालों की संख्या में भी और इजाफा होगा। थार एक्सप्रेस का कोई फेरा ऎसा नहीं है जिसमें आ रहे अधिकांश पाकिस्तानी वापस पाक का मुंह नहीं देखना चाहते।"
-हिन्दूसिंह सोढ़ा, अध्यक्ष, सीमान्त लोक संगठन।
Source: http://www.patrika.com/news.aspx?id=202301

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विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित