सोमवार, 12 अक्तूबर 2009

– प्रत्येक व्यक्ति कम से कम एक गाय का पालन अवश्य करें : स्वामी सत्यमित्रानंद









अक्तूबर ११ – धरती को स्वर्ग बनाती है विश्व जननी गोमाता : शंकराचार्य जी

मोरादाबद, अक्तूबर ११ - जगद्गुरु शंकराचार्य श्री राघवेश्वर भारती स्वामी जी ने कहा कि मनुष्य को स्वर्ग का सोपान कराने वाली गोमाता विश्व जननी है । शंकराचार्य ने मोरादाबाद में गो ग्राम यात्रा के लिए आयोजित कार्यक्रम में जनसभा को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं । उन्होंने कहा कि गोमाता के बिना हम सब अनाथ है । जीवन में खुशहाली और समृद्धि का प्रतीक गोमाता ही है । उन्होंने धन, स्वास्थ, बुद्धि, करुणा एवं पराक्रम का स्वरूप गोमाता को बताते हुए कहा कि गोसंरक्षण के प्रति आज के जनमानस की सक्ति को जगाने की आवश्यकता है । उन्होंने कहा कि जब तक मानव आत्मा गोमाता के दर्द को नही समझेगी तब तक गोहत्या नही बंद हो सकेगी ।
शंकराचार्य ने कहा कि हम अपने स्वार्थ हित की पूर्ती के उपरांत २००-४०० रूपये के लालच में गोवंश को हत्यारों के हाथ बेंच देतें हैं । जीवन भर हमारे जीवन में वात्सल्य सुख देने वाली गोमाता के प्रति क्या यही मानव कर्तव्य है कि हम उनके मृत्यु का अधिकार भी छीन लें । शंकराचार्य ने कहा कि गोमाता ममता की देवी है उनमें धरती और गंगा माँ का मातृत्व प्रकट होता है । उन्होंने कहा कि देश भर में ८० प्रतिशत गोवंश खत्म हो चुका है ।
विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा को तीसरा विश्व युद्ध की संज्ञा देते हुए शंकराचार्य ने कहा कि यदि गो ग्राम यात्रा असफल हुई तो यह यात्रा गो संरक्षण हेतु भारत की अंतिम यात्रा होगी । उन्होंने कहा कि संकट के समय माता की रक्षा न करने वाला पुत्र धरती पर भार के समान होता है । आज गोमाता संकट में है और हम सभी गोपुत्रों को अपनी माँ की रक्षा के लिए सैनिक के रूप में लडना होगा ।
विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा इससे पहले मुजफ्फर नगर, मेरठ, ब्रजघाट होते हुए मोरादाबाद पहुंची । मोरादाबाद में गो ग्राम यात्रा के लिए आयोजित कार्यक्रम में हजारों की संख्या में गो भक्तों ने गो संरक्षण का संकल्प लेते हुए संतों द्वारा गो उपयोगिता के बारे में संबोधन सुना । विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा जैसे जैसे आगे बढ रही है लोगों में गो वंश के प्रति जागरुकता एवं उत्साह भी निरंतर बढ रहा है
अक्तूबर ११ – एक देशी गाय का घर में होना जरूरी : महेन्द्र सिंह टिकैत

मुजफ्फर नगर, अक्तूबर ११ - भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेन्द्र सिंह टिकैत ने मुजफ्फर नगर में विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के लिए आयोजित कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक भारतीय किसान के घर में एक गाय का पालन आवश्य होना चाहिए । उन्होंने कहा कि आज किसान ज्यादा दूध के लालच में विदेशी गायों को पाल रहें हैं, लेकिन देशी गायों की उपयोगिता इन विदेशी गायों से लाख गुना अधिक है । टिकैत ने लोगों से गोवंश के संरक्षण की अपील करते हुए कहा कि पुरातन से ही भारतीय किसानों के लिए देशी गायों का उपयोग उनकी खेती के लिए अत्यंत लाभकारी रहा है, लेकिन आज का किसान गोवंश पर आधारित जैविक कृषि की उपेक्षा कर आधुनिक कृषि पर विश्वास कर रहा है । जिसके कारण आज भारतीय किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर है । गोवंश की उपयोगिता बताते हुए उन्होंने कहा कि देशी गाय व बैल में अनेकों रोगों के निवारण की शक्ति होती है । उन्होंने कहा कि गोवंश खत्म होने के कगार पर है, अतः हम सब को मिलकर गोमाता की रक्षा के लिए संकल्पबद्ध होकर गोसंरक्षण हेतु अपना योगदान देने का वक्त आ चुका है । टिकैत ने कहा कि यदि गोवंश खत्म हुआ तो भारत देश की कृषि भी कभी समृद्धि नही हो सकेगी उन्होंने विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा को गोसंरक्षण हेतु अनूठा प्रयास बताया ।
साध्वी वेदांती माँ ने कहा कि गोरक्षा प्रत्येक मानव का धर्म है । उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने सदैव गोमाता की सेवा की लेकिन कृष्ण को भगवान के रूप में पूजने वाला मानव चंद कागजी नोटों के लालच में गोमाता को गलत हाथों में बेच देता है । उन्होंने कहा कि यदि हम देवता के रूप में श्री कृष्ण को, राम को मानते हैं तो गोसंरक्षण परम आवश्यक है, क्योंकि गोमाता भी हमारी आस्था, विश्वास की देवी है ।
उन्होंने कहा कि गोसंरक्षण तभी संभव हो सकेगा जब हम सभी संगठित होकर गोवंश की रक्षा के लिए संकल्पबद्ध होंगे ।
विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा सुबह रूडकी से चलने के बद मुजफ्फर नगर पहुंची जहा लोगों ने यात्रा क भव्य स्वागत किया । यहाँ गो ग्राम यात्रा के लिए आयोजित कार्यक्रम में अनेक संतों ने गोमा की उपयोगिता बताते हुए गोसंरक्षण हेतु लोगों को संकल्प भी कराया


रूडकी, अक्तूबर १० - आज भारत में गोवंश खत्म होने के कगार पर है । इसका सबसें बडा कारण है कि गोपालन करना भारतीय जनमानस ने त्याग दिया है । स्वामी सत्यमित्रानंद ने गो ग्राम यात्रा के लिए रूडकी में आयोजित कार्यक्रम में जनसभा को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं । उन्होंने कहा कि यदि हमारे सुख समृद्धि के आधार गोवंश की रक्षा करनी है तो हम सभी को कम सें कम एक गाय को अवश्य पालन होगा । सत्यमित्रानंद ने कहा कि गो ग्राम यात्रा गोसंरक्षण एवं गोपालन के लिए निकाली गई है यह गोसंवर्धन के लिए अनूठी पहल है । उन्होंने मंगल पाण्डे को गोप्रेमी बताते हुए कहा कि गोमाता की रक्षा के लिए यदि हमें प्राणों का बलिदान भी देना पडें तों हमें पीछे नही हटना चाहिए ।
स्वामी अतुल कृष्ण महाराज ने कहा कि गो ग्राम यात्रा का आयोजन कर जगद्गुरु शंकराचार्य राघवेश्वर भारती ने देश के लोगों में गोवंश के प्रति एक अलख जगाई है । उन्होंने भारत माँ की संज्ञा देते हुए कहा कि भारत एक मात्र ऐंसा देश है जहाँ एकता में विविधता पाई जाती है । गोवंश का यदि संरक्षण करना है तो हमें इसी एकता को दिखाते हुए गोपालन के लिए आगे आना होगा । उन्होंने कहा कि आधुनिक जीवन जीना गलत नही लेकिन इस जीवन के फेर में अपनी संस्कृति को भूल जाना दुखद है ।
जगद्गुरु शंकराचार्य राघवेश्वर भारती ने कहा कि जो गोमाता की पीडा समझता है वह देव समान है । आज हमारा गोवंश कष्ट में है तथा खत्म होनें के कगार पर है । गोसंरक्षण और गोपालन के लिए देश भर के लोगों को संकल्प दिलाना ही विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा का प्राथमिक कर्तव्य है । शंकराचार्य ने बताया कि आज का आधुनिक विज्ञान भी गोचिकित्सा का कायल है । लेकिन गोवंश की महत्वपूर्ण उपयोगिता होने के कारण भी इसके संरक्षण हेतु कोई कठोर कानून न होना दुखद है । उन्होंने कहा कि अब हमें गोमाता की रक्षा के लिए सरकार की ओर न देंखते हुए स्वयं आगे आना होगा ।
विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा आज सहारनपुर, देहरादून एवं हरिद्वार होते हुए रूडकी पहुंची जहाँ यात्रा का भव्य स्वागत किया गया । यहाँ हजारों की संख्या में लोगों ने गोपालन एवं संरक्षण का संकल्प लिया ।




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विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित