मंगलवार, 3 नवंबर 2009

विश्व मंगल गोऊ ग्राम यात्रा - पश्चिम बंगाल में







हिन्दू समाज वेद काल से गाय की पूजा व सेवा करता रहा है : प्रवीण तोगाडिया




कोलकता, नवंबर २ – विश्व हिन्दू परिषद के अंताराष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण तोगाडिया ने कहा कि आज से २००० वर्ष पूर्व भारत देश मं कभी गो हत्या नहीं होती थी, अपितु देश का हिन्दू समाज वेद काल से ही गो की पूजा व सेवा करता रहा है । विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के लिए आयोजित स्वागत समारोह कार्यक्रम में उन्होंने जनसभा को संबोधित करते हुए उक्त बातें कहीं । उन्होंने कहा कि शास्त्रों के अनुसार देश में मानव हत्या होती रही है । यहाँ तक की भाई, बहन, माँ, बाप की हत्याएँ होती रही है, लेकिन गोहत्या पुरातन में कभी नहीं हुई । भारत देश में लिकिन आज स्थिति ऐसी है कि सूर्योदय से पहले देश में तीन लाख गाय काट दी जाती है ।
तोगाडिया ने कहा कि सब तरह के पाप का प्राच्छालन किया जा सकता है । लेकिन गो हत्या के पाप का प्राच्छालन कभी नहीं हो सकता । शास्त्रों में गोहत्या के पाप का कोई प्राच्छालन नहीं है ।
उन्होंने कहा कि १४वीं शताब्दी से देश की धरती पर प्रतिदिन गो माता का रक्त गिरता चला आ रहा है । यही कारण है कि देश में भरा रहने वाला अनाज धन व आरोग्य देश से गायब हो चुका है ।
प्रवीण तोगाडिया ने कहा कि देश की कृषि, अर्थव्यवस्था, स्वास्थ्य दिन-प्रतिदिन बिगड रहा है । इन सबका एक मात्र कारण गो हत्या है । उन्होंने कहा जब तक इस धरा पर गोरक्त गिरता रहेगा यह कभी फल-फूल नही सकती । उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि गोहत्या को बंद करने के लिए हुन्दुओं का प्राण लेना होगा कि हमारी गोमाता की हत्या करने वाले गोहत्यारों को इस देश में नहीं रहने देंगे । उन्होंने कहा कि गोमाता की सेवा हम उनके लिए नहीं अपितु स्वयं के लिए करते हैं । क्योंकि वही गोमाता हमारे लिए वह सब कुछ हमें प्रदान करती है, जो सुखी जीवन के लिए आवष्यक है ।
प्रवीण तोगाडिया भारत को रामकृष्ण का देश बताते हुए कहा कि जहाँ गाय को माँ का दर्जा किया जाता है वहाँ आज गाय का अस्तित्व खतरे में है । भारतीय नसल समाप्ति की ओर है । इसलिए विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा का आयोजन संतों द्वारा किया गया है । उन्होंने सरकार से गोहत्या प्रतिबंध करने हेतु केंद्रीय कानून बनाते की मांग करते हुए कहा कि आज देश में गोचर भूमी का अधिग्रहण कर लिया गया है, जिनकी रक्षा अंग्रेजी शासन काल में स्वयं अंग्रेज करते थे । आज भारतीय सरकार वह कर रही है, जो पराधीनता के वक्त अंग्रेजों ने भी नहीं किया । तोगाडिया ने कहा कि यदि गोवंश को बचाना है, तो गोचर भूमि को पुनः प्रतिस्थापित करना होगा ।
विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा आज सुबह बेहरामपुर से चलकर बथुआडाहरी, शांतिपुर, बरसात होकर कोलकता पहुंची । विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा कुरुक्षेत्र से शुरू होकर पिछले तीन दिनों से पश्चिमी बंगाल में है । कोलकता में गो ग्राम यात्रा का भव्य स्वागत किया गया । महिलाओं ने फूल मालाओं के साथ यात्रा में आए संतो का स्वागत किया । कोलकता के फूलबागान में गो ग्राम यात्रा के लिए आयोजित कार्यक्रम में अयोध्या के स्वामी डा. रामविलास वेदान्ती, स्वामी विष्णुपुरी महाराज के साथ हजारों की संख्या में गोभक्त उपस्थित थे । गो भक्तों ने कार्यक्रम में संतो का आशीर्वचन लेने के बाद गोसंरक्षण का संकल्प भी किया, कार्यक्रम के अंत में छोटे बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी हुआ .



बेहरामपुर में उलूस ध्वनि के साथ गो ग्राम यात्रा का भव्य स्वागत



बेहरामपुर, नवंबर १ – विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा आज देर शाम बेहरामपुर में पहुंची, जहाँ भारी संख्या में लोगों ने यात्रा का स्वागत पारंपरिक रूप में किया । गो ग्राम यात्रा के शहर में प्रवेश के साथ ही महिलाओं ने पुश्प अर्पण कर एवं उलूर ध्वनि के साथ यात्रा में चल रहे रथ की पूजा की । गो ग्राम यात्रा के लिए आयोजित कार्यक्रम में हजारों की संख्या में लोगों ने उपस्थित होकर संतों का आशीर्वचन लेते हुए गो संरक्षण का संकल्प भी किया ।
गो ग्राम यात्रा कुरुक्षेत्र से शुरू होकर संपूर्ण उत्तर भारत, उत्तर प्रदेश एवं बिहार होते हुए पश्चिम बंगाल में यात्रा पिछले दो दिनों से है, गो ग्राम यात्रा का स्वागत बंगाल के लोग अत्यंत उत्साह एवं श्रद्धापूर्वक कर रहे है । जगह जगह पर लोग यात्रा का स्वागत पूर्ण पारंपरिक रीतिरिवाजों के साथ कर रहे थे ।
विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा के लिए आयोजित कार्यक्रम में जनसभा को संबोधित करते हुए दिगंबर पीठ के संत स्वामी रामनयनदास ने कहा कि गो आधारित जीवन ही वास्तविक जीवन की परिभाषा है बिना गोवंश के जीवन का कोई अस्तित्व नहीं है । उन्होंने कहा कि आज भारत जैसे राष्ट्र जहाँ पुरातन से ही गो आधारित जीवन का पालन किया गया वहाँ गोवंश की निर्मम हत्या अत्यंत पीडादायक है ।
स्वामी रामनयनदास जी ने कहा कि आधुनिकता की दौड में आज का भारतवासी देश समाज की संस्कृति के प्रति लापरवाह हो गया है जिसका परिणाम यह है कि वह अपनी संस्कृति धर्म का आधार माने जानें वाली गोमाता को पालने तक में असमर्थ है । उन्होंने कहा कि गोवंश सदैव देश व विश्व के कल्याण के लिए वास्तविक रूप रहा है लेकिन आज देश व विश्व उसी गोवंश से मुख मोड रहा है ।
स्वामी रामनयनदास ने गोवंश की उपयोगिता बताते हुए सभी जनमानस से गोपालन व संरक्षण हेतु अपील की । उन्होंने कहा कि यदि देश को समृद्धि व सुख से फलीभूत होते देखना है तो प्रत्येक देशवासी को गोपालन की ओर वापस आना होगा । उन्होंने कहा कि जब तक हम गोप्रेमी नहीं बनेंगे हमारी समस्याएँ दिन प्रतिदिन बढती जाएगी और हम सुख समृद्धि से दूर होते जाएँगे । इसलिए आवश्यक है कि हम गोपालन कर अपना जीवन समृद्ध बनाएँ ।
विश्व मंगल गो ग्राम यात्रा इससे पहले बुनियादपुर, मालदा, रघुनाथगंज होते हुए बेहरामपुर पहुंची । इन सभी स्थानों पर यात्रा का भव्य स्वागत के साथ कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया । जहाँ भारी संख्या में गोभक्तों ने संतों द्वारा गोमाता की उपयोगिता को समझते हुए गो संरक्षण का संकल्प लिया ।



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विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित