सोमवार, 8 फ़रवरी 2010

सेवा संगम २०१०






बंगलरु ७ जनवरी २०१०। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक परम पूजनीय डॉ मोहन भागवत ने सेवा भारती द्वारा आयोजित "सेवा संगम" कार्यक्रम में अपने उधबोधन में कहा कि सेवा सबसे बड़ा मानव धर्म है । माननीय भागवत जी ने सेवा तथा सामाजिक कार्यो में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की वर्षो से चल रही सहभागिता के बारे में भी बतलाया।



परम पूजनीय सरसंघचालक मोहन जी भागवत ने अपने उधबोधन में बतलाया कि सेवा की भावना का शक्तिशाली भारत निर्माण में महतवपूर्ण योगदान है। कार्यक्रम में योगगुरु बाबा राम देव भी उपस्थित थे।



सेवा संगम के इस राष्ट्रीय कार्यक्रम में करीब ६०० से अधिक NGO हिस्सा ले रहे है । तीन दिवसीय इस कार्यक्रम का ८ जनवरी को समापन समरोह आयोजित होगा .

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विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित