रामगढ़ व नाचना में 51 कुंडीय यज्ञ व हिंदू सम्मेलन से माहौल धर्ममय हुआ | |||||||||||||||||||||
रामगढ़ | |||||||||||||||||||||
कस्बे के राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूल के खेल मैदान में हनुमंत शक्ति जागरण समिति के तत्वावधान में रविवार को 51 कुंडीय महायज्ञ आयोजित किया गया। यज्ञ में 204 जोड़ों ने आहुतियां देकर देश में शांति, अमनचैन व भव्य राम मंदिर का निर्माण होने की कामना की। यज्ञ में दर्जनों गांवों के सैकड़ों श्रद्धालु मौजूद थे। हर समुदाय के लोगों ने यज्ञ में आहुतियां दी। यज्ञ में मौजूद साधु—संतों का ग्रामीणों व आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने फूलमालाओं से तथा शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर स्वामी प्रतापपुरी महाराज ने हिंदुओं को विश्वगुरु बताया तथा कहा कि वे आपस में झगड़ रहे हैं। महाराज ने कहा कि यह वह धरा है जहां गायों की रक्षा के लिए लोगों ने अपनी जान तक गवां दी। इस माटी में ऐसे शूरवीर पैदा हुए हैं जिनकी वीरगाथा सुनने से ही लोगों के रोंगटे खड़े होते हैं। प्रतापपुरी महाराज ने पन्नराज, पाबूजी के उदाहरण देकर लोगों को इस हनुमान यज्ञ में आहुतियां देने तथा देश, गायमाता, धरा के प्रति अपना कर्तव्य समझने पर जोर दिया। इस अवसर पर स्वामी प्रतापपुरी महाराज सहित कमल भारती, सांवलाराम, निजानंद महाराज, संत गणपतराम, जिला संघ चालक त्रिलोकचंद खत्री, दौलतगिरी आदि मौजूद थे। मंच का संचालन केशरसिंह ने किया। धर्ममय हुआ नाचना नाचना में रविवार को हनुमत समिति जागरण के तत्वावधान में 51 कुंडीय यज्ञ व हिंदू सम्मेलन आदर्श विद्या मंदिर प्रांगाण मैदान में आयोजित किया गया। समारोह में शिवसुख महाराज आसेरी मठ, दीपक साहेब महाराज, क्षेत्र के संतों सहित बड़ी संख्या में ग्रामीणों मौजूद थे। यज्ञ में दौ सौ जोड़ों ने भाग लिया। यज्ञ के चलते नाचना रविवार को धर्ममय हो गया। कार्यक्रम के शुभारंभ में आयोजन समिति की ओर से संतों का स्वागत किया गया। इस दौरान जोधपुर प्रांत प्रचारक विजय कुमार ने कहा कि अपनी धरती धर्म की अध्यात्म की धरती है। लोगों के बलिदान से ही देश का हित होगा। जिला प्रचारक बाबूलाल ने कहा कि जब-जब धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान इस धरती पर अवतार लेते हैं। दीपक साहेब महाराज ने धार्मिक कार्य करने पर जोर दिया। ‘भगवा रंग त्याग का प्रतीक’ झाब कस्बे में श्रीहनुमंत शक्ति जागरण यज्ञ एवं हिन्दू सम्मेलन का आयोजन रविवार को राजकीय सीनियर विद्यालय में किया गया। इस दौरान भगवान राम के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर सम्मेलन का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूनासा महंत बाबूगिरी महाराज ने कहा कि समय की यह मांग है कि हिन्दू एकजुट हों। मंगलदास महाराज ने कहा कि भारतीय संस्कृति की जडें़ काफी गहरी है। इस संस्कृति का अनुसरण कई संस्कृतियों ने किया।कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. प्रभुसिंह राठौड़ ने वर्तमान परिपेक्ष्य में संगठन की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संगठन में ही शक्तिहै। राठौड़ ने कहा कि भगवा रंग त्याग और बलिदान का प्रतीक है। इसको आतंकवाद से जोडऩा ठीक नहीं है। राठौड़ ने कहा कि देश की रक्षा के लिए यह जरूरी है कि हिंदू एकजुट हो। उन्होंने कहा कि जब जब हिंदू कमजोर हुआ, असंगठित रहा तब देश को गुलामी का दंश झेलना पड़ा। आज फिर राष्ट्र विरोधी शक्तियां सिर उठा रही हैं। इसलिए हिन्दुओं को संगठित होना होगा तभी इस देश कि संस्कृति को बचाया जा सकता है। सम्मेलन में भारतीय किसान संघ के प्रदेश मंत्री दलाराम चौधरी, भाजपा के दुर्गा राम चौधरी, दिनेश, गेनाराम मेघवाल, महेन्द्र सिंह चौहान, तगराज दर्जी, मनोहर सिंह व जयरूप सिंह सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन तहसील कार्यवाह गोपीलाल राव ने किया। कार्यक्रम में मंगलपुरी महाराज, देवाराम महाराज का सान्निध्य रहा। इससे पूर्व कलश यात्रा व झांकी निकाली गई, जो कस्बे के मुख्य मार्ग माधव चौक, प्रताप चौक, पीपली चौक से होते हुए विद्यालय पहुंचकर विसर्जित हुई। कलश यात्रा में बोरली, अणखोल, धरणावास, इटादा, देवड़ा की महिलाओं व युवतियों ने भाग लिया। कलश यात्रा में भगवान राम व शिव की झांकी आकर्षण का केन्द्र रही। सम्मेलन में पूनासा महंत बाबूगिरी महाराज, संतोषपुरी महाराज, मंगलपुरी महाराज व मंगलदास महाराज का सान्निध्य रहा।
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सोमवार, 27 दिसंबर 2010
जोधपुर प्रान्त में कई स्थानों से - यज्ञ में उमड़ा जनसैलाब
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