सोमवार, 5 मार्च 2012

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ केपथ संचलन में एकता का संदेश द्विधारा पथ संचलन में लोगों ने दिखाई देश के प्रति राष्ट्रीय भक्ति

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'जातिवाद और भाषावाद देश समाज के लिए घातक'

मारवाड़ मूंडवा हमारी सनातन संस्कृति ने वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा को माना है जिसमें संपूर्ण विश्व को ही एक परिवार माना गया है। संघ ने भी उसी अवधारणा पर कार्य किया है। यह संस्कृति प्राणी मात्र का चिंतन करती है। उक्त विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बीकानेर विभाग प्रचारक निंबाराम ने व्यक्त किए। वे यहां संघ समागम के दौरान स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि संघ का जन्म किसी का विरोध करने से प्रारंभ नहीं हुआ बल्कि संगठन की भावना को लेकर हुआ है। इस देश और समाज को जितना नुकसान दुर्जनों से नहीं हुआ उससे कहीं ज्यादा नुकसान सज्जनों की निष्क्रियता ने पहुंचाया है। संघ इस देश समाज से अलग नहीं है बल्कि इसका ही एक हिस्सा है। रूढ़ीवादिता पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आज जातिवाद, छुआछूत जैसी धारणाएं समाज में अपनी जड़ें जमाए बैठी हैं, इन्हें त्यागना होगा। अगर ऐसा नहीं किया तो दुनिया आगे निकल जाएगी और हम यहीं रह जाएंगे। संघ के विभाग कार्यवाह हनुमान सिंह देवड़ा भी उपस्थित थे। तहसील बौद्धिक प्रमुख रामनिवास दिवराया ने आभार जताया।

चार किमी लंबा पथ संचलन

कस्बे में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का रविवार को पथ संचलन निकला। पथ संचलन के लिए पूर्व में ही समय और रूट तय किया गया था। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह थी की प्रत्येक प्रमुख स्थान और चौराहे पर पहुंचने के लिए इसका समय तय था। यह पथ संचलन उसी तय समय पर तय स्थान पर पहुंचा। करीब चार किलोमीटर लंबे इस पथ संचलन में तीन सौ स्वयंसेवकों ने भाग लिया। स्वयंसेवकों ने यह दूरी 51 मिनट में तय की। पथ संचलन दोपहर एक बजे शारदा बाल निकेतन माध्यमिक विद्यालय से प्रारंभ हुआ जो शहरी गली, सारड़ा भवन, भट्टड़ों का चौक, पौकंडी, सेवा बस्ती, श्रीकृष्ण गोशाला, चौसला, सदर बाजार, निंबड़ा की गली, तालाब का रास्ता, गांधी चौक, अस्पताल, स्टेशन रोड, डाकघर, पुलिस थाना, बस स्टैंड, नगर पालिका, नागौरी फलसा होता हुआ 1 बजकर 51 मिनट पर शारदा बाल निकेतन पहुंचा। कस्बे में जगह जगह स्वयंसेवकों का पुष्प वर्षा, तोरण द्वार सजाते हुए, रंगोलियां बनाकर स्वागत किया गया।


पिंडवाड़ा. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की ओर से रविवार को कस्बे में द्विधारा पथ संचलन निकाला गया। होली से पूर्व आयोजित संचलन में कार्यकर्ताओं ने उत्साह के साथ भाग लिया। पथ संचलन दो भागों में निकाला गया।पहला प्राचीन गोगाजी मन्दिर से 3।15 बजे शुरू हो कर नगर के विभिन्न मार्गोँ से गुजरा। पथ संचलन पद्मावती कॉलोनी , सुखाडिय़ा सर्किल, मंगल कलश चौराहा, सुथारवास, मस्जिद गली, नई सेरी, हनुमान मंदिर होता हुआ बाजार पहुंचा वही दूसरा संचलन हरिजनवास, आमली रोड, राजपूतवास, खारा कुआं, रामदेव मन्दिर,भूत बंगला, पुरोहित भवन होता हुआ बाजार पहुंचा। दोनों संचलनों का दोपहर 3:56 बजे डॉ. हेडगेवार चौक में संघम हुआ। घोष के साथ स्वयं सेवकों ने कदम से कदम मिलाकर संचलन को पूर्ण किया। शहरवासियों ने संचलन के स्वागत में रंगोलियां बनाई। जब यह संचलन नगर के विभिन्न भागों से गुजरा तो नगरवासियों ने स्वयंसेवकों पर पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत किया। इसके पश्चात हिन्दू सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें प्रांत सेवा प्रमुख रुद्र कुमार ने सभा को संबोधित कर कहा कि स्वयंसेवक पूर्ण मनोभाव से समाज और राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।मानवता के कल्याण के लिए जाति पंथ से उठकर स्वयंसेवकों ने अनेक कार्य किया है। इस अवसर पर जिला संघचालक हंसराज पुरोहित, जिला कार्यवाहक अशोक चतुर्वेदी, सह तहसील कार्यवाहक परबत सिंह राठौड़, तहसील बौद्धिक प्रमुख मदन रावल, नगर कार्यवाहक सोमाराम प्रजापत, भाजपा नगर अध्यक्ष कैलाश रावल भी उपस्थित थे ।
स्त्रोत: http://epaper।bhaskar.com/index.php?editioncode=202&pagedate=&ch=

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विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित