शनिवार, 16 जून 2012

भारत धर्म आधारित वीरों की भूमि - प. पू सरसंघचालक मोहन जी भागवत









अजमेर १६ जून २०१२ . भारत की पश्चिमी प्राचीर के रक्षक सिंधुपति महाराजा दाहरसेन के राष्ट्ररक्षार्थ 1300वें बलिदान दिवस के अवसर पर आज  हरिभाउ उपाध्याय नगर पुष्कर रोड स्थित दाहरसेन स्मारक पर विशाल श्रद्धांजलि समारोह का आयोजन किया गया । इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ  के सरसंघचालक मोहन राव भागवत मुख्य वक्ता के रूप शामिल हुए  ।
प .पु सरसंघचालक मोहन जी भागवत ने सिंधुपति महाराज दाहरसेन के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राजा दाहरसेन ने किसी भूभाग पर हमले के विरोध में बलिदान नहीं दिया। उनका बलिदान एक सनातन विचार की रक्षा के लिए था। दाहरसेन को लगा कि अरबों का आक्रमण सनातन धर्म और संस्कृति पर हमला हैं। उसकी रक्षा के लिए दाहरसेन ने आक्रमणकारियों के खिलाफ तलवार उठाई।

प. पू  सरसंघचालक मोहन जी भागवत ने कहा कि भारत धर्म आधारित वीरों की भूमि है। इस धरा ने पूरी दुनिया के सुख और समृद्धि की कामना की है। भारत दुनिया का अकेला ऐसा देश है जो विविधताओं से भरा है। सर संघ चालक ने कहा कि किसी भी देश की पहचान उसकी संस्कृति और गौरवशाली इतिहास से होती है। समाज उन्हीं लोगों को याद रखता है। जिन्होंने मूल्य आधारित शासन करते हुए मातृ भूमि के लिए अपने प्राणों को न्यौछावर किया है और दाहरसेन उनमें से एक हैं। भागवत ने कहा कि दुनिया के कुछ देश पूरी दुनिया को एक बाजार बनाना चाहते हैं लेकिन भारत ऐसा नहीं सोचता है। भारत शुरू से ही वसुदेव कुटुंबकंब के मूल्य आधारित विचार के साथ चल रहा है। भारत दुनिया को बाजार नहीं एक परिवार मानता है। संतों के सानिध्य में चलने वाली भारत की व्यवस्था पूरी दुनिया के लिए मार्ग दर्शन हैं। जब सारी दुनिया भटकती है तब भारत उसका मार्ग प्रशस्त करता है। 

मोहन जी भागवत ने कहा कि भारत विविध भाषाओं का देश है। अगर सिंधी समाज के लोग सिंधी भाषा को बचाने का प्रयास कर रहे हैं तो भारत को ही बचाने का प्रयास है। भारत एक भाषा, प्रांत या पंथ संप्रदाय नहीं हैं, बल्कि सबको जोड़कर बना है। भागवत ने अंग्रेजी भाषा और संस्कृति पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भारत के पास समृद्ध भाषा है। ऐसी भाषा है, जिसमें भाव शामिल है। इसलिए जिस जगह हम रहते हैं उसे मातृभूमि कहते हैं। भागवत ने युवा पीढ़ी से आहवान किया कि यदि भाव का विकास करना है तो अपनी भाषा को समझे और महत्व दें। अपने पूर्वजों और संस्कृति को नहीं भूलें। अपनी विरासत को आगे बढाएं। भागवत ने कहा कि दुनिया पिछले हजारों सालों से सुखों के लिए दौड़ रही है लेकिन हार चुकी है। अब उसकी नजर भारत पर है। देश को अपनी सारी शक्ति एकजुट करनी होगी। सारी दुनिया में कटटरपंथ और उदारता के बीच लड़ाई चल रही है। कपट और सरलता के बीच संघर्ष चल रहा है। देश को अपने मूल्यों को स्थापित करने के लिए सेनापति की भूमिका निभानी होगी। भागवत ने कहा दाहरसेन स्मारक केवल स्मारक नहीं बल्कि इतिहास की जीवंतता के साथ प्रस्तुति है। दाहरसेन स्मारक हमें अपने गौरवशाली अतीत को समझने एवं भविष्य में राष्ट्रधर्म के लिए सर्वस्व न्यौछावर करने की प्रेरणा देता है। 


प.पू. सरसंघचालक मोहन जी भागवत ने अपने उधबोधन में कहा की कहा जाता है की पुरानी  बातो को भूल जाओ मगर कुछ बातें ऐसी होती है की उनको जीवन पर्यंत याद रखनी पड़ती है दाहर सेन का प्रसंग भी ऐसा ही एक है. भारत वसुधैव्कुतुम्ब्कम की भावना से चलता है. सारी दुनिया को इक परिवार की नजर से देखता है जबकि यूरोप इसको इक बाजार के रूप में देखता है. दाहर सेन का जीवन भी हिन्दू आचरण का उदाहरण है. हिन्दू जीवन का आदर्श है. हम भारत को अखंड भारत मानते है सिंध में आज भी सिन्धी हिन्दू रहते हें वहां आज भी भारत जीवंत है.   कश्मीरी पंडितो  की समस्या पुरे हिन्दू समाज की समस्या है. भारतीय भाषा के साथ भाव निहित है वही विदेशी भाषा में ऐसा नहीं है.

पहली बार ऐसा हुआ है की सरसंघचालक देश भर  में चल रहे प्रशिक्षण के बीच किसी अन्य कार्यक्रम में हिस्सा लिया हो।

उन्होंने आव्हान किया की सिन्धी समाज अपनी भाषा तथा अपने पूर्वजो को नहीं भूले न ही सिंध के इतिहास को  भूले. भारतीय संत हमेशा विश्व में सुख शांति की बात ही करते है.

नई पीढ़ी से उन्होंने संघर्ष के लिए तैयार रहने के लिए कहा तथा अपनी दुर्बलता एवं कमियों को दूर करने का कहा और हमको पूर्व  का इतिहास सदैव याद रखना होगा तथा नई पीढ़ी को याद दिलाने होगी.

वहीं दादु दयाल पीठ नरेना के पीठाधिशवर गोपालदास जी महाराज, हरिसेवा धाम के भीलवाड के महंत हसंराम महाराज, मसाणिया भैरव धाम राजगढ के उपासक चंपालाल महाराज सहित अनेक संत महात्माओ का आर्शीवाद प्राप्त हुआ.। मंचासीन  अतिथियों का स्वागत कर स्मृति चिन्ह भेंट किये गए.

इस शुभावसर पर प. पू. सरसंघचालक तथा मंच पर उपस्थित संतो ने ओंकार सिंह लखावत द्वारा लिखित पुस्तक संसार का सिरमोर सिंध व महाराजा डाहर सेन तथा पाथेय कण के विशेषांक का विमोचन किया.
ओंकार सिंह लखावत ने विषय की प्रस्तावना प्रस्तुत की. स्वागत भाषण भारतीय सिन्धु सभा के प्रदेशाध्यक्ष लेख राज माधु ने दिया.  रायपुर शादानी स्वामी युधिष्टर लाल , सन्तप्रवर दादूदयाल पीठ नरेना के पीठाधीश्वर  गोपाल दास, उल्लाहस नगर के स्वामी हंस राम जी उदासी ने भी उधबोधन दिया.

सर्वप्रथम प. पू. सरसंघचालक मोहन जी भागवत एवं संतो ने हिंगलाज माता के दर्शन किये तत्पश्चात सिंधुपति महाराजा दाहरसेन की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की तथा सिन्धु संग्रहालय में दीप प्रज्ज्वलन किया. वन्देमातरम से कार्यक्रम की शुरुआत हुई. 

सिन्धुपति महाराजा दाहरसेन समारोह समिति और भारतीय सिन्धु सभा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में महाराष्ट्र, छतीसगढ, मध्यप्रदेश, दिल्ली, गुजरात एवं राजस्थान के 26 जिलों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु प्रात:काल अजमेर पहुंचे। दाहरसेन स्मारक के संग्रहालय में सिन्धु घाटी की सभ्यता एवं सिन्ध के जन जीवन एवं धरोहर स्मृति को भव्य रूप से प्रदर्शित किया गया। स्मारक परिसर मे सिन्ध के भौगोलिक एवं सांस्कृतिक स्वरूप को जमीन पर उकेरा गया ।  समारोह में सिंध दर्शन की प्रदर्शिनी और पुस्तक प्रदर्शनी भी देखने येाग्य रही.  कार्यक्रम का संचालन भारतीय सिन्धु भारतीय सभा के प्रान्त मंत्री महेंद्र कुमार तिर्थानी ने किया. 

गुरुवार, 14 जून 2012

VIDEO: भारत-पाकिस्तान के बीच नहीं आती युद्ध की नौबत अगर थोड़ी देर से आती ये खबर

विडियो देखने के लिए क्लिक करे 

 भारत-पाकिस्तान के बीच नहीं आती युद्ध की नौबत अगर थोड़ी देर से आती ये खबर

साभार :दैनिक भास्कर  

CPM aimed to spark RSS-Islamists conflict: CBI

Vishwa Samvad Kendra, Bharat
KOCHI, JUNE 13, 2012 : Marxists of Kannur had tried to create tension between the RSS and Islamists by deliberately putting the blame for the brutal killing of Muhammad Fazal, an activist of the NDF (presently Popular Front of India), on the Sangh, the CBI said in the chargesheet it filed on Tuesday in the case at the Chief Judicial Magistrate Court in Ernakulam.
Listing CPI(M) leaders Karayi Rajan and Karayi Chandrasekharan of Kannur district as seventh and eighth accused respectively in the case, the CBI chargesheet described them as those who masterminded several political killings in Thalassery in the district, adding that they, however, had managed to avoid disclosure of their roles.
Kodi Suni (real name MK Sunilkumar), who led the gang of killers of Marxist rebel TP Chandrasekharan of Onchiyam, Kozhikode, was the first accused in the Fazal murder case as per the chargesheet. Fazal (35), an agent of Thejas newspaper run by the NDF, was hacked to death by a Marxist killer gang at Thalassery, Kannur in the early morning of October 22, 2006.
After the murder, the Marxists deliberately tried to pit the Islamist outfit and the RSS against each other by putting the blame for the murder on the Sangh through speeches at public meetings, the chargesheet said. That the culprits had deposited the blood-stained clothes after the murder at RSS centres was proof of this intent, it said.
Though there were a total of ten accused in the case, the chargesheet was against eight as two of the accused were yet to be identified. The CBI said that these two men could be identified only after questioning Rajan and Chandrasekharan who were in hiding. The Kannur CPI(M) had earlier said that it would not allow the CBI to arrest the duo.
The CBI said that the two Marxist leaders, charged with murder, had conspired to kill Fazal, a former DYFI worker, and engaged a gang of killers led by Kodi Suni, a CPI(M) sympathizer, for the “job”. All the members of the killer gang were workers or sympathizers of the party, the chargesheet said.
Fazal’s desertion from the DYFI several years ago and association with NDF newspaper Thejas had affected the circulation of CPI(M) organ Deshabhimani daily. This and an intention to create conflict between the NDF and RSS were said to be the reason for killing Fazal.
The CBI also said that the CPI(M) leaders had tried to derail the probe into the murder and to avoid a CBI probe by using the governmental power their party had wielded at that time.  Karayi Rajan is a member of the Kannur district secretariat of the CPI(M) and Karayi Chandrasekharan is secretary of its local committee in Thiruvangad in the district.
The Kerala High Court had on March 11, 2008 ordered a CBI probe into the murder of Fazal on the basis of a petition filed by his widow Mariyu. The then LDF Government appealed against the single-judge bench’s verdict but a division bench upheld that order on September 4 that year. The Supreme Court also upheld the order later.

महाराजा दाहिरसेन का 1300 वां बलिदान दिवस 16 को - मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन राव भागवत

महाराजा दाहिरसेन का 1300 वां बलिदान दिवस 16 को
जयपुर भारतीय सिंधु सभा राजस्थान और सिंधुपति दाहिरसेन समारोह समिति अजमेर के संयुक्त तत्वाधान में महाराजा दाहिरसेन का 1300वां बलिदान दिवस शनिवार को अजमेर में मनाया जाएगा। सभा अध्यक्ष लेखराज माधु ने मीडिया को बताया कि बलिदान दिवस के उपलक्ष्य में सुबह 9 बजे सिंधु संगम के साथ-साथ महाराजा दाहिरसेन के इतिहास पर प्रकाश डाला जाएगा।

 ये कार्यक्रम पुष्कर रोड स्थित हरिभाऊ उपाध्याय नगर में दाहिरसेन स्मारक पर आयोजित किया जाएगा। इसके मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन राव भागवत होंगे। आशीर्वचन पीठाधीश्वर गोपाल दास महाराज, महंत स्वामी हंसराम महाराज, चंपालाल महाराज देंगे। कार्यक्रम में देशभर के 25000 से अधिक समाज बंधु सम्मिलित होंगे। इस मौके पर देशभर के 400 से अधिक साधु-संत विराजमान होंगे।

विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित