रविवार, 30 जून 2013
शनिवार, 29 जून 2013
बुधवार, 26 जून 2013
सेवा ने तोड़ी जाति-धर्म व वक्त की बंदिशें
सेवा ने तोड़ी जाति-धर्म व वक्त की बंदिशें 10507917
जागरण ब्यूरो, देहरादून: 22 बरस पहले उत्तरकाशी भूकंप के दौरान पीड़ितों की सेवा के लिए बोया गया एक नन्हा सा पौधा आज वटवृक्ष बनकर आपदा पीड़ितों के 'जख्मों' पर निस्वार्थभाव से मरहम लगाने की मुहिम में जुटा है। उत्तराखंड में जलप्रलय से हुई तबाही के बाद पीड़ितों की मदद के इस जज्बे को समाज के सभी वर्गो से जुड़े लोग, संगठन व संस्थाएं भी सलाम कर रही हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा से दो दशक पूर्व गठित यह दैवी आपदा पीड़ित सहायता समिति अब एक बड़ा कारवां बन चुकी है।
देहरादून के डीबीएस कालेज में भूगोल के एचओडी रहे डा. नित्यानंद (86 वर्ष) पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में भर्ती हैं, मगर बीमारी की परवाह किए बगैर उनका पूरा ध्यान आपदा पीड़ितों की मदद में ही लगा है। दरअसल, यह समिति उन्हीं का रोपा हुआ पौधा है, जो आज वटवृक्ष बन चुका है। रुद्रप्रयाग, चमोली व उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पीड़ितों की मदद के लिए समिति अब तक 25 गाड़ियों में राहत सामग्री पहुंचा चुकी है, जबकि गोदामों में कुंतलों रसद और उपलब्ध है।
गुप्तकाशी, फाटा के राहत शिविरों में आपदा पीड़ितों को भोजन व अन्य जरूरी सामान उपलब्ध कराया जा रहा है, तो उत्तरकाशी के मनेरी स्थित केशव सेवा आश्रम में भी पीड़ितों की मदद के लिए रोज भंडारा व रहने की व्यवस्था समिति कर रही है। देहरादून में भी जैन धर्मशाला, शिवाजी धर्मशाला व गीता भवन में पीड़ितों के लिए आवास की व्यवस्था की गई है। समिति की निस्वार्थ सेवा की इस मुहिम में जाति, धर्म व वर्गो की तमाम बंदिशें भी टूट रही हैं।
यही वजह है कि सहारनपुर जिले के गणेशपुर स्थित मदरसा दारूल उलूम अल खैरिया के संचालक राव इरशाद अली ने भी आपदा पीड़ितों की मदद के लिए समिति को 21 हजार रुपये की सहयोग राशि सौंपी। वहीं, देहरादून के एक सरकारी स्कूल की भोजनमाता राजकुमारी ने 1000 रुपये की मदद दी है। समिति से जुड़े सुशील गुप्ता बताते हैं कि वर्ष 1991 के भूकंप के बाद समिति ने उत्तरकाशी के कई प्रभावित परिवारों का पुनर्वास किया है। समिति अब हाल में आई आपदा में तबाह हो चुके कई गांवों के पुनर्वास की योजना पर भी काम शुरू करेगी।
source: http://www.jagran.com/uttarakhand/dehradun-city-10507917.html
जागरण ब्यूरो, देहरादून: 22 बरस पहले उत्तरकाशी भूकंप के दौरान पीड़ितों की सेवा के लिए बोया गया एक नन्हा सा पौधा आज वटवृक्ष बनकर आपदा पीड़ितों के 'जख्मों' पर निस्वार्थभाव से मरहम लगाने की मुहिम में जुटा है। उत्तराखंड में जलप्रलय से हुई तबाही के बाद पीड़ितों की मदद के इस जज्बे को समाज के सभी वर्गो से जुड़े लोग, संगठन व संस्थाएं भी सलाम कर रही हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा से दो दशक पूर्व गठित यह दैवी आपदा पीड़ित सहायता समिति अब एक बड़ा कारवां बन चुकी है।
देहरादून के डीबीएस कालेज में भूगोल के एचओडी रहे डा. नित्यानंद (86 वर्ष) पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में भर्ती हैं, मगर बीमारी की परवाह किए बगैर उनका पूरा ध्यान आपदा पीड़ितों की मदद में ही लगा है। दरअसल, यह समिति उन्हीं का रोपा हुआ पौधा है, जो आज वटवृक्ष बन चुका है। रुद्रप्रयाग, चमोली व उत्तरकाशी के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पीड़ितों की मदद के लिए समिति अब तक 25 गाड़ियों में राहत सामग्री पहुंचा चुकी है, जबकि गोदामों में कुंतलों रसद और उपलब्ध है।
गुप्तकाशी, फाटा के राहत शिविरों में आपदा पीड़ितों को भोजन व अन्य जरूरी सामान उपलब्ध कराया जा रहा है, तो उत्तरकाशी के मनेरी स्थित केशव सेवा आश्रम में भी पीड़ितों की मदद के लिए रोज भंडारा व रहने की व्यवस्था समिति कर रही है। देहरादून में भी जैन धर्मशाला, शिवाजी धर्मशाला व गीता भवन में पीड़ितों के लिए आवास की व्यवस्था की गई है। समिति की निस्वार्थ सेवा की इस मुहिम में जाति, धर्म व वर्गो की तमाम बंदिशें भी टूट रही हैं।
यही वजह है कि सहारनपुर जिले के गणेशपुर स्थित मदरसा दारूल उलूम अल खैरिया के संचालक राव इरशाद अली ने भी आपदा पीड़ितों की मदद के लिए समिति को 21 हजार रुपये की सहयोग राशि सौंपी। वहीं, देहरादून के एक सरकारी स्कूल की भोजनमाता राजकुमारी ने 1000 रुपये की मदद दी है। समिति से जुड़े सुशील गुप्ता बताते हैं कि वर्ष 1991 के भूकंप के बाद समिति ने उत्तरकाशी के कई प्रभावित परिवारों का पुनर्वास किया है। समिति अब हाल में आई आपदा में तबाह हो चुके कई गांवों के पुनर्वास की योजना पर भी काम शुरू करेगी।
source: http://www.jagran.com/uttarakhand/dehradun-city-10507917.html
सोमवार, 24 जून 2013
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जोधपुर के स्वयंसेवक व सेवा भारती जोधपुर के कार्यकर्ता भी घर-घर जाकर धन संग्रह कर रहे
सेवा भारती के क्षेत्रीय अध्यक्ष श्रीकिशन गहलोत ने बताया कि उत्तरांचल दैवीय आपदा पीडि़त सहायता समिति हरिद्वार के
तत्वावधान में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व सेवा भारती के कार्यकर्ता पीडि़तों को भोजन,
दवा, कंबल व उपयोगी सामग्री पहुंचा रहे हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के महानगर संघचालक न्रापत्मल लोधा ने इस पुनीत कार्य में सहयोग देने की अप्पेल की है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
जोधपुर के स्वयंसेवक व सेवा भारती जोधपुर के कार्यकर्ता भी घर-घर जाकर धन
संग्रह कर रहे हैं।
धनसंग्रह समिति के संयोजक रंगलाल सालेचा ने बताया कि
दानदाता नेहरू पार्क स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कार्यालय, सेवाधाम
छात्रावास अशोक उद्यान के पास, आदर्श विद्या मंदिर पावटा, आदर्श विद्या
मंदिर कमला नेहरू नगर में संपर्क कर सकते हैं।
शनिवार, 22 जून 2013
महाप्रलय की स्थिति से निबटने हेतु संघ प्रेरित उत्तरांचल आपदा पीडि़त सहायता समिति को सामाग्री तथा आर्थिक सहयोग प्रदान करें
महाप्रलय की स्थिति से निबटने हेतु संघ प्रेरित उत्तरांचल आपदा पीडि़त सहायता समिति को सामाग्री तथा आर्थिक सहयोग प्रदान करें
देहरादून, 21जून 2013
। आज यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तराखंड के प्रान्त कार्यवाह लक्ष्मी प्रसाद जायसवाल ने एक प्रेस वक्तव्य जारी कर उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा में संघ के द्वारा किये जा रहे राहत कार्यो की विस्तृत जानकारी दी है। ज्ञात होकि विगत 15 जून की रात्रि से उत्तराखंड के केदारनाथ,गंगोत्री,बद्रीनाथ,यमुनोत्री की तीर्थ यात्रा में आए हजारों यात्री अचानक आई आपदा के शिकार हुए है। मरने वालों की संख्या विभिन्न क्षेत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक अनुमानतः हजारों में पहुंच चुकी है और लगभग पचास हजार यात्री जहां तहां फंसे हुए हैं। यद्यपि राहत कार्य सेना तथा सरकारी प्रशासन द्वारा किए जा रहे हैं इसके बावजूद हताहत यात्रियों को सुरक्षित निकालने,भोजन की सुविधा उपलब्ध कराने और गुम यात्रियों को ढूढने आदि की विकराल समस्या है।
संघ के द्वारा किये जा रहे राहत कार्यो का ब्योरा देते हुए प्रान्तकार्यवाह लक्ष्मीप्रसाद जायसवाल ने आज यहां बताया कि संघ के स्वयंसेवकों को प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्रियों के साथ भेजे जाने का क्रम जारी है। इसके तहत आज प्रातः यहां से दो गाडि़यां खाद्य पदार्थ एवं पका हुआ भोजन,पानी,कंबल,दवाईयां आदि लेकर उत्तरकाशी,उखीमठ,गुप्तकाशी और जोेशीमठ के लिए रवाना हुई है 20 जून को भी दो गाड़ी राहत सामग्री देहरादून से भेजी गई। ऋषिकेश में 171 लोगों को रात्रि प्रवास,चिकित्सा सेवाएं और उनके गंतव्य तक पहुंचाने में मदद संघ के स्वयंसेवकों द्वारा किया गया है। इसी तरह उत्तरकाशी मनेरी,जोशीमठ चमोली आदि स्थानों पर संघ के राहत शिविरों में लोगों को भोजन,मेडिकल एवं रात्रि प्रवास की सुविधाएं लगातार उपलब्ध कराई जा रही है।
श्री जायसवाल ने बताया कि पूरे देश के संघ कार्यालयों द्वारा प्रदेश की पलपल की जानकारी ली जा रही है और हर तरह की मदद देने की ईच्छा भी जताई जा रही है।उन्होंने बताया कि संघ के वरिष्ठ अधिकारी क्षेत्र प्रचारक शिव प्रकाश क्षेत्रकार्यवाह मनवीर सिंह देहरादून पहुंच चुके है और प्रान्त प्रचारक डा.हरीश एवं प्रान्त व्यवस्था प्रमुख सुरेन्द्र मित्तल सहित सभी प्रान्तीय संघ के प्रमुख पदाधिकारी राहत एवं बचाव अभियान पर खुद नजर रख रहे है। कम्बल, नये वस्त्र, त्रिपाल, बर्तन, दवाईयां आदि भी प्रभावित व्यक्तियों एवं परिवारों को उपलब्ध कराये जा रहे है। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्तीय कार्यालय पर नियंत्रण कक्ष बनाया गया है तथा इसके अलावा ऋषिकेश, श्रीनगर, पौड़ी गढ़वाल, रूद्रप्रयाग, अगस्तमुनी, बद्रीनाथ, उत्तरकाशी आदि नौ स्थानों पर छोटे सम्पर्क केन्द्र स्थापित किये गये है। उत्तरकाशी गंगोत्री मार्ग पर केशव सेवा आश्रम मनेरी पर 500 से 1000 तक यात्रियों के प्रतिदिन भोजन व रूकने की व्यवस्था संघ के कार्यकर्ताओं द्वारा की जा रही है।
श्री जायसवाल ने बताया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपनी सामाजिक प्रतिबद्धता के कारण सदैव की भांति कर्तव्य भाव से इस राहत कार्य में अपने स्तर से संलग्न है साथ ही प्रशासन और सेना को भी हरसंभव सहयोग करने को तैयार है। श्री जायसवाल ने प्रशासन और सेना से अपील किया है कि भोजन पैकेट की आपूर्ति,राहत कार्य में सहयोग तथा शवों को हटाने में संघ का सहयोग प्राप्त करे।
श्री जायसवाल ने अपने वक्तव्य में संपूर्ण देशवासियों से अपील की है कि इस महाप्रलय की स्थिति से निबटने हेतु संघ प्रेरित उत्तरांचल आपदा पीडि़त सहायता समिति को सामाग्री तथा आर्थिक सहयोग प्रदान करें। सहायता समिति को दिए गए सहयोग राशि आयकर अधिनियम 80जी के अन्तर्गत आयकर मुक्त है। श्री जायसवाल ने देशभर से सहयोग राशि व राहत सामग्री भेजने वालों के प्रति आभार प्रदर्शन किया है।
गुरुवार, 20 जून 2013
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डा मनमोहन जी वैध का वक्तव्य
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डा मनमोहन जी वैध का वक्तव्य
प . पू . सरसंघचालक जी ने भी ऐसी सार्थक चर्चा आपस में आगे भी होती रहे ऐसी अपेक्षा व्यक्त कि.
Statement of Rashtriya Swayamsevak
Sangh’s
Akhil Bhartiya Prachar Pramukh Dr.
Manmohan Vaidya ji
Following the brief telephonic conversation
that Shri Advaniji had with PP Sardanghachalak Shri Mohanji Bhagwat last week,
there was an hour-long meeting today between the two at Keshavkunj, the RSS HQ
in Delhi. In a detailed and candid interaction Shri Advaniji conveyed his views
on various developments in the country and the role of the Party and the broad
nationalist movement led by the Sangh. It was opined that several issues need
further discussion and exchange of notes at various levels. Same will take
place at appropriate time. Shri Bhagwatji also suggested that such useful
exchange of views should continue in future also.
मंगलवार, 18 जून 2013
रविवार, 16 जून 2013
हिन्दू समाज देश की रीढ़ : दुर्गादास
हिन्दू समाज देश की रीढ़ : दुर्गादास
नागौर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गत 87 साल से संगठन के माध्यम से हिन्दू समाज में राष्ट्रीय चेतना जगाने का काम कर रहा है। देश का हिन्दू संगठित व शक्तिशाली होगा तो देश मजबूत व शक्तिशाली होगा और हिन्दुओं के कमजोर होने पर देश भी कमजोर होगा। राजस्थान क्षेत्र प्रचारक दुर्गादास ने यह बात कही। वे शनिवार शाम को शारदा बाल निकेतन में 20 दिवसीय संघ शिक्षा वर्ग (प्रथम वर्ष) के समापन समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहे थे। दुर्गादास ने कहा कि हिन्दू समाज देश की रीढ़ है, देश की राष्ट्रीयता है। संघ देश को बल, वैभव व गुण संपन्न बनाने के कार्य में जुटा है। राष्ट्रीय चेतना को देश की आत्मा बताते हुए उन्होंने कहा कि इसके अभाव में देश में गंभीर परिस्थिति खड़ी हो जाती है।
हाल ही चीनी सेना की ओर से भारत की सीमा में घुसपैठ को चिंताजनक व देश की संप्रभुता के लिए खतरा बताते हुए कहा कि केन्द्र की कमजोर नीतियों के चलते यह स्थिति उत्पन्न हुई है। नदियां किसी एक देश की संपत्ति नहीं होती। ब्रह्मपुत्र नदी पूर्वोत्तर भारत की जीवन रेखा है और इस पर बांध बनाकर चीन पूर्वाेत्तर के लोगों को पानी से वंचित करने की चाल चल रहा है। उन्होंने कहा कि राम सेतु का मामला हो या अमरनाथ श्राइन बोर्ड का मुद्दा, हिन्दू समाज ने हर जगह जागरूक होकर इस पर विजय पाई है। संघ को बदनाम करने की तमाम कोशिशें हुई। मनगढंत आरोप लगाकर इस पर प्रतिबंध लगाने का दुस्साहस किया गया, लेकिन सफलता नहीं मिली।
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति व परंपराओं पर चोट करने के लिए बड़ी कंपनियां धन देकर प्रायोजित तरीके से ऎसे कार्यक्रम तैयार करवाती है जिसका सीधा प्रभाव देश की संयुक्त परिवार की परंपरा पर पड़ता है। लिव इन रिलेशनशिप को कानून सम्मत बनाया जा रहा है उन्होंने कहा कि आज देश का हिन्दू समाज संगठित होकर अधिकारों प्रति जागरूक हो रहा है। यह संघ की कई सालों की साधना का परिणाम है। इससे पूर्व कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बालकिशन काकड़ा ने कहा कि युवा शक्ति को देखकर लगा कि इसकी शक्ति सही दिशा में लग रही है।
संत हेतमराम महाराज ने कहा कि मनुष्य देह राष्ट्र व संस्कृति की रक्षा के लिए मिली है। जीवन में वास्तव में जो कार्य किया जाना चाहिए उस कार्य की झलक यहां मिली है। वर्ग कार्यवाह रामचन्द्र ने वर्ग का प्रतिवेदन पढ़ा। इससे पूर्व स्वयंसेवकों ने योगासन, व्यायाम, सूर्य नमस्कार, दण्ड प्रदर्शन, नियुद्ध ,सामूहिक समता व्यायाम आदि का प्रदर्शन किया। घोष वर्ग के प्रशिक्षणार्थियों ने भारतीय राग व ताल पर आधाारित रचनाओं का प्रदर्शन किया। मंचस्थ बीकानेर विभाग के संघ संचालक वर्गाधिकारी नरोत्तम व्यास, सह संघ संचालक नंद किशोर सोनी के अलावा संज जाानकी दास, स्वामी रामनिरंजन तीर्थ, संघ के राष्ट्रीय ग्राम विकास प्रमुख दिनेश कुमार, मोहन राम चौधरी, भोजराज सारस्वत, सम्पतमल लूणावत, संघ के पदाधिकारी, शहर के गणमान्य लोग मौजूद थे।
'प्रतिभाओं को ही कुंठित किया जा रहा है'
शुक्रवार, 7 जून 2013
संघ शिक्षा वर्ग ,तृतीय वर्ष के समारोप कार्यक्रम की खबरे मिडिया से
माओवादियों से कोई वार्ता नहीं होनी चाहिए: भागवत
नागपुर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा कि माओवादियों के साथ किसी प्रकार
की बातचीत नहीं होनी चाहिए, जिसने हाल में छत्तीसगढ में कांग्रेस पार्टी
के नेताओं पर जानलेवा हमला किया।
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि
यहां तक कि जंगल में रहने वाले आदिवासी भी माओवादी हिंसा से तंग आ चुके
हैं। रेशीमबाग मैदान में संघ के तीसरे साल के प्रशिक्षण शिविर के समापन
समारोह को वह संबोधित कर रहे थे।
हथियारों से लैस माओवादियों ने
छत्तीसगढ के बस्तर जिले में 25 मई को कांग्रेस नेताओं के काफिले पर हमला कर
दिया था, जिसमें 27 लोग मारे गए थे। भागवत ने भारतीय क्षेत्र में चीनी
घुसपैठ का मामला उठाते हुए मुद्दे से सही तरीके से निपट पाने में नाकामी पर
सरकार की आलोचना की।
उन्होंने कहा कि यहां तक कि आजादी के 65 साल
के बाद दुर्भाग्य से हम सीमा रेखा चिह्नित करने में नाकाम रहे हैं और इसके
कारण चीनी सैनिक भारत क्षेत्र में काफी भीतर तक घुस आते हैं क्योंकि हम
(सैनिक) बेबस देखते रहते हैं। (एजेंसी)
स्त्रोत: http://zeenews.india.com/hindi/news/%E0%A4%A6%E0%A5%87%E0%A4%B6/%E0%A4%AE%E0%A4%BE%E0%A4%93%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%AF%E0%A5%8B%E0%A4%82-%E0%A4%B8%E0%A5%87-%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%88-%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BE-%E0%A4%A8%E0%A4%B9%E0%A5%80%E0%A4%82-%E0%A4%B9%E0%A5%8B%E0%A4%A8%E0%A5%80-%E0%A4%9A%E0%A4%BE%E0%A4%B9%E0%A4%BF%E0%A4%8F-%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%97%E0%A4%B5%E0%A4%A4/171187
नक्सलियों से किसी प्रकार की बातचीत नहीं होनी चाहिए : मोहन भागवत
एनडीटीवी खबर - 13 hours ago
नागपुर: आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत
ने कहा है कि माओवादियों के साथ किसी प्रकार की बातचीत नहीं होनी चाहिए,
जिसने हाल में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के नेताओं पर जानलेवा हमला
किया। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा, यहां तक कि जंगल में रहने वाले
आदिवासी भी माओवादी हिंसा से तंग आ चुके हैं। रेशीमबाग मैदान में संघ के
तीसरे साल के प्रशिक्षण शिविर के समापन समारोह को वह संबोधित कर रहे थे।
हथियारों से लैस माओवादियों ने छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में 25 मई को
कांग्रेस नेताओं के काफिले पर हमला कर दिया था, जिसमें 27 लोग मारे गए थे। भागवत ने भारतीय क्षेत्र में चीनी घुसपैठ का ...
'आदिवासी भी तंग आ चुके हैं नक्सलियों से'
अमर उजाला - 5 hours ago
भागवत
ने कहा कि नक्सलियों की हिंसात्मक नीति से तो अब नक्सल प्रभावित इलाकों
में रहने वाले आदिवासी भी तंग आ चुके हैं। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में
कांग्रेस की परिवर्तन रैली पर नक्सली हमले के बाद सरकार ने नक्सलियों को
लेकर कड़ा रुख अपनाने का निर्णय लिया है। नागपुर में संघ के एक कार्यक्रम
में भागवत ने कहा कि नक्सलियों से किसी भी प्रकार की बातचीत नहीं
होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नक्सलियों की हिंसा से जंगल में रहने वाले
आदिवासी भी तंग आ चुके हैं। भागवत ने देश में चीनी घुसपैठ को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आजादी के 65 साल बाद भी दुर्भाग्य से हम ...
अब तो आदिवासी भी माओवादी हिंसा से तंग आ चुके हैं: मोहन भागवत
Oneindia Hindi - 10 hours ago
नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखिया मोहन भागवत
ने 25 मई को छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में कांग्रेस नेताओं पर हुए हमले
की आलोचना करते हुए कहा है कि अब माओवादियों से कोई बातचीत नहीं की जानी
चाहिए क्योंकि जो हमला उन्होने किया उसे किसी भी तरह से सही नहीं कहा जा
सकता है, हमले में 27 लोग मारे गये थे। सच तो यह है कि छत्तीसगढ़ में रहने
वाले आदिवासी भी अब माओवादियों की हिंसा से तंग आ चुके हैं। संघ प्रमुख
मोहन भागवत रेशमीबाग मैदान में संघ के प्रशिक्षण शिविर समारोह में
बोल रहे थे। इसके अलावा चीनी सीमा की घुसपैठ पर उन्होने कहा कि यह बेहद
दुर्भाग्यपूर्ण हैं कि आजादी ...
नक्सलियों से बातचीत का भागवत ने किया विरोध
Shri News - 9 hours ago
नागपुर (एसएनएन): छत्तीसगढ़ में हाल ही में कांग्रेस की परिवर्तन रैली पर
माओवादियों के हमले के बाद जहां सरकार का रूख सख्त हो गया है तो वहीं
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने भी माओवादियों के साथ किसी भी प्रकार
की बातचीत का विरोध किया है. रेशीमबाग मैदान में संघ के तीसरे साल के
ट्रेनिंग कैंप के समापन समारोह को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि
' माओवादियों से किसी भी प्रकार की बातचीत नहीं होनी चाहिए, जिन्होंने
कांग्रेस की रैली पर हमला किया है. ' उन्होंने कहा कि यहां तक जंगल में
रहने वाले आदिवासी भी माओवादी हिंसा से तंग आ चुके हैं. गौरतलब है कि
हथियारों से लैस ...
स्त्रोत : https://www.google.com/news?ncl=dOpLimtGST-9G9MYeysDpoXqqT90M&q=%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%97%E0%A4%B5%E0%A4%A4&lr=Hindi&hl=hi
धर्म की संसथापना कर समाज को बलवान, गुण संपन्न और गौरवशाली बनाएं - डॉ. भागवत
परमपूजनीय डॉ मोहनजी भागवत मार्गदर्शन करते हुये |
शिक्षार्थी शारीरिक प्रात्यक्षिक करते हुये |
निर्मालानंदनाथ स्वामी उद्बोधन करते हुये |
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