देवनगरी सिरोही में संपन्न त्रिवेणी संगम की झलक
गुरुवार, 30 जनवरी 2014
बुधवार, 29 जनवरी 2014
देश की जनता को जागरूक होना होगा जनता कि जागरूकता से ही देश का भाग्य सुनिश्चित - परम पूजनीय सरसंघचालक मोहनराव भागवत
सिरोही अरविन्द पैवेलियन से ………
सरजावाव दरवाजा पर तीन धाराओं का हुआ त्रिवेणी संगम
शहरवासियों ने पुष्पवर्षा कर किया स्वागत
* संत भी रहे मौजूद *बाल स्वयंसेवक भी हुए शामिल *पुष्पवर्षा से हुआ स्वागत, सजाई रंगोली
घोष की मधुर धुनों के बीच कंधों से
कंधे और कदम से कदम मिलाते चल रहे स्वयंसेवकों हर
चौराहों और सड़कों पर शहरवासियों ने पुष्पवर्षा से स्वागत किया शहर में
जगह-जगह रंगोली और सजावट से लग रहा था जैसे उत्सव का माहौल है । स्वयंसेवकों को देखने के लिए जो जहां था वहीं ठहर गया।
सरजावाव चौराहे ठीक समय पर संगम हुआ और नीला गगन वन्देमातरम और भारत माता कि जय हो उद्धघोष् से गुंजायमान हो उठा। दोपहर को शहर के चार
अलग-अलग जगहों पथ संचलन शुरू हुआ, जो शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए
अरविंद पैवेलियन पहुंचा
एक छोर अरविंद पैवेलियन तो दूसरा सरजावाव पर
पथ संचलन कितना लंबा था इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि
इसका एक छोर समापन स्थल अरविंद पैवेलियन में था तो दूसरा सरजावाव दरवाजे पर
था।
बाल स्वयंसेवको का पथ संचलन संपन्न हुआ। पूर्ण गणवेश में बाल स्वयंसेवक हर किसी का मन मोह रहे थे। कम उम्र में भी इनमें अनुशासन और देशभक्ति का ज्वार था । बड़े स्वयंसेवकों के साथ ही इन्होंने भी कदम से कदम बढ़ाए। सवेरे से लेकर शाम तक बाल स्वयंसेवक भी कार्यक्रम में पूरे समय उपस्थित रहे।
परम पूजनीय सरसंघचालक मोहनराव भागवत ने अरविंद पैवेलियन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक देशवासी खुद को नहीं पहचानेंगे तब तक हमारे चारों ओर विभिन्न समस्याएं बनी रहेंगी। उन्होंने कहा कि आज हम देश की उन्नति की बात छोड़कर बाकी सब करते हैं। देश की समस्याओं के लिए एक दूसरे पर दोषारोपण करते हैं, लेकिन इससे कुछ नहीं होने वाला। शराबी की, महाभारत की और शेर की कहानियां सुनाकर कहा कि जनता से आव्हान किया कि पहले हमें खुद को पहचानना होगा, तभी हम देश को आगे बढ़ा पाएंगे, तभी देश के भाग्य का उदय हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि संघ के कार्यक्रम शक्ति प्रदर्शन के लिए नहीं बल्कि आत्म दर्शन के लिए होते हैं। यह कार्यक्रम आत्म साक्षात्कार है ताकि वह अपनी क्षमताओं को पहचाने और उसका उपयोह राष्ट्र हित में करे।
बाल स्वयंसेवको का पथ संचलन संपन्न हुआ। पूर्ण गणवेश में बाल स्वयंसेवक हर किसी का मन मोह रहे थे। कम उम्र में भी इनमें अनुशासन और देशभक्ति का ज्वार था । बड़े स्वयंसेवकों के साथ ही इन्होंने भी कदम से कदम बढ़ाए। सवेरे से लेकर शाम तक बाल स्वयंसेवक भी कार्यक्रम में पूरे समय उपस्थित रहे।
परम पूजनीय सरसंघचालक मोहनराव भागवत ने अरविंद पैवेलियन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जब तक देशवासी खुद को नहीं पहचानेंगे तब तक हमारे चारों ओर विभिन्न समस्याएं बनी रहेंगी। उन्होंने कहा कि आज हम देश की उन्नति की बात छोड़कर बाकी सब करते हैं। देश की समस्याओं के लिए एक दूसरे पर दोषारोपण करते हैं, लेकिन इससे कुछ नहीं होने वाला। शराबी की, महाभारत की और शेर की कहानियां सुनाकर कहा कि जनता से आव्हान किया कि पहले हमें खुद को पहचानना होगा, तभी हम देश को आगे बढ़ा पाएंगे, तभी देश के भाग्य का उदय हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि संघ के कार्यक्रम शक्ति प्रदर्शन के लिए नहीं बल्कि आत्म दर्शन के लिए होते हैं। यह कार्यक्रम आत्म साक्षात्कार है ताकि वह अपनी क्षमताओं को पहचाने और उसका उपयोह राष्ट्र हित में करे।
डॉ भागवत ने अपने उद्बोधन में कहा कि सम्पूर्ण विश्व भारत कि और तक रहा है ताक रहा है भारत कहाँ है जिससे विश्व कल्याण कि अपेक्षा हैं ? जिस दिन हमने आत्म
साक्षात्कार करके अपना निस्वार्थ योगदान समाज हित में करना शुरू कर दिया उस
दिन से हैम विश्व को मार्गदर्शन देने कि योगयता पुनः हासिल कर लेंगे।
देश राजनितिक आधार पर नहीं सामाजिक आधार पर खड़ा होता हैं और समाज को खड़ा
करने के लिए निस्वार्थ नायक कि आवश्यकता होती हैं।
भागवत जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि देश को खड़ा करने का काम ठेके पर नहीं होता हैं , जनता को अपनी क्षमता शक्ति को पहचान कर मालिक बन कर वयवस्थाओ पर नजर रखनी होगी। देश की जनता को जागरूक होना होगा जनता कि जागरूकता से ही देश का भाग्य सुनिश्चित होगा।
राष्ट्रीय स्व्य़ंसेवक संघ द्वारा आयोजित हिन्दू शक्ति संगम का आयोजन अरविन्द पैवेलियन में किया गया जहां परम पूजनीय सरसंघचालक मोहन जी भागवत ने स्वयंसेवको तथा नागरिकगणों का मार्गदर्शन किया। क्षैत्रिय संघचालक पुरुषोत्तम परांजपे , प्रान्त संघचालक ललित शर्मा, विभाग संघचालक कमल किशोर गोयल तथा जिला संघचालक हंसराज जी जोशी के साथ मुख्य अतिथि डॉ चन्द्र प्रकाश दिव्वेदी मंच पर विराजमान थे।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ चन्द्र प्रकाश दिव्वेदी (चाणक्य सीरियल फेम) थे। क्षेत्रीय प्रचारक दुर्गादास जी ,प्रांत प्रचारक मुरलीधर जी, वरिष्ट प्रचारक नन्द लाल जी, क्षेत्रीय सह सम्पर्क प्रमुख प्रकाश चन्द्र जी गुप्ता, सह प्रान्त प्रचारक राजा राम जी, सीमा जन कल्याण समिति के मन्त्री निम्ब सिंह जी, पाथेय कण के मानक जी, विभाग प्रचारक राजेश कुमार जी, जिला प्रचारक स्वरूपदान जी, सांसद देवजी पटेल, विधायक ओटाराम देवासी, रेवदर विधायक जगसीराम कोली भी कार्यक्रम में उपस्थित रहें।
मंगलवार, 28 जनवरी 2014
सोमवार, 27 जनवरी 2014
संघ सदा से समाज के विकास और संगठन मे लगा हुआ संगठन - जैन मुनि
बीकानेर . राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ बीकानेर की
गंगाशहर नगर का संक्रांति महोत्सव और पथ संचलन कार्यक्रम 26 जनवरी को आयोजित किया
गया। संघ के सहनगर कार्यवाह रानुलाल ने बताया कि कार्यक्रम मे जैन मुनि जिनेश और मुनि
परमानंद का सान्निध्य मिला। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता संघ के जोधपुर प्रांत
कार्यवाह जसवंत खत्री रहे। उत्सव का स्थान प्राकृतिक चिकित्सा केंद्र था जहां से उत्सव
के बाद संचलन प्रारम्भ हुआ। संघ के प्रांत कार्यवाह जसवंत खत्री ने कहा कि समाज की
सभी सज्जन शक्तियों को एक होकर परस्पर सामंजस्य से श्रेष्ठ कार्य करने चाहिए।
वर्तमान समय चुनौतीयों के साथ साथ अनुकूलता का समय भी है जब समाज के बहुत से अच्छे
विचारों वाले लोग सक्रिय होकर देश धर्म और समाज के लिए कार्य कर रहे हैं।
जैन मुनि ने कहा कि संघ सदा से समाज के
विकास और संगठन मे लगा हुआ संगठन है। समाज के सभी वर्गों मे जागरूकता और प्रेम से
ही संगठन होगा और संगठित प्रयासों से ही देश और मानवता का उत्थान संभव है।
सह सायंकार्यवाह जयप्रकाश ने बताया कि उत्सव
के बाद स्वयंसेवकों ने नगर के प्रमुख मार्गों से संचलन किया। संचलन मे स्वयंसेवकों
ने घोष की ताल पर कदम से कदम मिलाकर सांगिकता का प्रदर्शन किया। संचलन मार्ग पर
नगर के प्रमुख लोगों ने मार्ग पर पुष्पवर्षा कर स्वागत किया। कार्यक्रम मे
स्वयंसेवकों के साथ ही आमजन ने भी भाग लिया।
शनिवार, 25 जनवरी 2014
सर संघ चालक मोहन राव भागवत के कार्यक्रम को लेकर बैठक
भागवत के कार्यक्रम को लेकर आरएसएस की बैठक
आबूरोड. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ व उसके आनुशांगिक संगठनों की बैठक विष्णु धर्मशाला में हुई। बैठक में 29 जनवरी को सिरोही में सर संघ चालक मोहन राव भागवत के कार्यक्रम पर विचार विमर्श किया गया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पाली विभाग संपर्क प्रमुख भूराराम पुरोहित व विभाग कार्यकारिणी सदस्य अशोक चतुर्वेदी ने नगर को सात भागों में बांटकर विभिन्न कार्यकर्ताओं को दायित्व सौंपे। बैठक में आबूरोड नगर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का पथ संचलन 26 जनवरी को करने का निर्णय लिया गया। पथ संचलन 26 जनवरी को दोपहर 2 बजे दरबार स्कूल से प्रारंभ होगा। बैठक में नगर कार्यवाह प्रकाश अग्रवाल, नवल शर्मा, मोहन परिहार, ईश्वर प्रजापत, बलदेव प्रजापति, सोमनाथ, निर्मल जैन, प्रवीण शर्मा, संतोष भारद्वाज, बंशीलाल और बलदेव चौधरी समेत अन्य स्वयंसेवक मौजूद थे। |
सज्जन शक्तियों के एकत्रीकरण से समाज का आत्म विश्वास बढ़ता है -नन्दलाल जोशी "बाबाजी"
सिरोही २४ जनवरी २०१४। संघ के वरिष्ठ प्रचारक नंदलाल ने
प्रबुद्धजन विचार गोष्ठी में कहा कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत की
विचार धारा सर चढ़ कर बोल रही है। उन्होंने कहा कि अत्यंत सौभाग्य का विषय
है कि सिरोही में २९ जनवरी को संघ के सर संघचालक मोहनराव भागवत का आगमन हो
रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विचार धारा को पुष्ट करने के लिए यह
कार्यक्रम मील का पत्थर साबित होगा। सज्जन शक्तियों के एकत्रीकरण से समाज
का आत्म विश्वास बढ़ता है। इसलिए सभी सात्विक जन अपना पूरा सामथ्र्य लगाकर
कार्यक्रम में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करे। गोष्ठी की अध्यक्षता राष्ट्रीय
स्वयं सेवक सिरोही के जिला संघ चालक हंसराज पुरोहित ने की तथा संचालन
राजेश बारबर ने किया।
साभार: दैनिक भास्कर, सिरोही |
सोमवार, 20 जनवरी 2014
संघ कार्य ईश्वरीय कार्य - भागवत
कोटा। 19 जनवरी 2014 राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ कोटा विभाग के कोटा महानगर, कोटा जिला एवं बून्दी जिले के स्वयंसेवक का एकत्रिकरण महाराव उम्मेदसिंह स्टेडियम कोटा में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में हजारो की संख्या में गणवेशधारी स्वयंसेवकों ने भाग लिया। स्वयंसेवक नेकर, कमीज, टोपी के साथ पूर्ण गणवेश में थे। कार्यक्रमें सर्व प्रथम संघ प्रार्थना एवं ध्वज प्रणाम के साथ प्रारम्भ हुआ।
मंच पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक माननीय मोहन जी भागवत, क्षेत्रीय संघचालक पुरुषोत्तम पंराजपे, प्रान्त संघचालक भगवती प्रसाद एवं विभाग संघ चालक प्रभाष चन्द्र जी तैलंग मंचासीन थे।
कार्यक्रम में स्वयंसेवकों ने सर्वयोग, सूर्यनमस्कार सहित अनेक योगों को प्रदर्शित किया। आकर्षित शारीरिक प्रदर्शन घोष (बेण्ड) की धुन पर किया गया। सभी स्वयंसेवकों ने सुभाषितम एवं स्वामी विवेकानन्द के द्वारा कहे अमृत वचन ‘‘अपना सारा ध्यान एक ही ईश्वर पर लगाओ हमारा देश ही, हमारा जागृत देवता है।’’ उसके बाद सामूहिक गीत गान किया जिसमें प्रमुख गान ‘‘व्यक्ति-व्यक्ति में जगाये - राष्ट्र चेतना’’
कार्यक्रम में स्वयंसेवकों ने सर्वयोग, सूर्यनमस्कार सहित अनेक योगों को प्रदर्शित किया। आकर्षित शारीरिक प्रदर्शन घोष (बेण्ड) की धुन पर किया गया। सभी स्वयंसेवकों ने सुभाषितम एवं स्वामी विवेकानन्द के द्वारा कहे अमृत वचन ‘‘अपना सारा ध्यान एक ही ईश्वर पर लगाओ हमारा देश ही, हमारा जागृत देवता है।’’ उसके बाद सामूहिक गीत गान किया जिसमें प्रमुख गान ‘‘व्यक्ति-व्यक्ति में जगाये - राष्ट्र चेतना’’
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक माननीय मोहन जी भागवत ने स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुये कहा कि यहां पर सिर्फ स्वयंसेवकों को कार्यक्रम है। स्वयंसेवक यहां सुनने नहीं कार्य करने के उद्देश्य से आये है। स्वयं का आत्म चिंतन करते हुये संघ कार्य को आगे बढ़ाने हेतु सोचना पड़ेगा। जिस चिंत के लिये हम आये है। उसको पूरा करने हमारा धैर्य होना चाहिये। कुछ करने की आवश्यकता होगी तभी विचार मन आयेगें। हम हिन्दु राष्ट्र के अंग है। यह गौरव की बात है। विपरित परिस्थितियां हो हमें अपना कार्य सजगता से पूर्ण करना हमारा लक्ष्य हो। हमारे राष्ट्र में ऐसी बूरी प्रवृत्तियां आयी है किन्तु हमारे सामने टिक नहीं पायेगें।
मा. भागवत जी ने कहा कि पहले हम स्वयं को राष्ट्र सेवा के लिये तैयार करे फिर दूसरे को कहे। राष्ट्र को भाग्य उदय करना ही हमारा दायित्व होना चाहिये। भारत को संवारना है तो हिन्दु समाज को आगे बढ़ाना ही होगा। स्वार्थ भावना हो छोड़कर हिन्दु यदि भारत के बारे में विचार करेगा तभी भारत देश, विश्व में सर्वेच्च स्थान प्राप्त करेगा। संघ कार्य ईश्वरीय कार्य मानकर चलना ही हमारा उद्देश्य है। हमें समाज मेें सावधान रहकर हमारे आचरण को स्वच्छ रखना चाहिये। पूर्ण अनुशासन में रहते हुये हमें अपने कार्य को करेगें तभी हमारे धैर्य को पा सकेगें । राष्ट्र को बनाने का कार्य ही हम करते है।
मा. भागवत जी ने कहा हमारी शक्ति का उपयोग हिन्दु राष्ट्र के लिये करे। तभी हमारी सेवा राष्ट्र के प्रति होगी। तेरे वैभव असर रहे मां हम रहे या ना रहे यह विचार मन में लेकर हमें अपने कार्य के प्रति दृढ़ प्रतिज्ञ होना होगा।
मा. भागवत जी ने कहा कि पहले हम स्वयं को राष्ट्र सेवा के लिये तैयार करे फिर दूसरे को कहे। राष्ट्र को भाग्य उदय करना ही हमारा दायित्व होना चाहिये। भारत को संवारना है तो हिन्दु समाज को आगे बढ़ाना ही होगा। स्वार्थ भावना हो छोड़कर हिन्दु यदि भारत के बारे में विचार करेगा तभी भारत देश, विश्व में सर्वेच्च स्थान प्राप्त करेगा। संघ कार्य ईश्वरीय कार्य मानकर चलना ही हमारा उद्देश्य है। हमें समाज मेें सावधान रहकर हमारे आचरण को स्वच्छ रखना चाहिये। पूर्ण अनुशासन में रहते हुये हमें अपने कार्य को करेगें तभी हमारे धैर्य को पा सकेगें । राष्ट्र को बनाने का कार्य ही हम करते है।
मा. भागवत जी ने कहा हमारी शक्ति का उपयोग हिन्दु राष्ट्र के लिये करे। तभी हमारी सेवा राष्ट्र के प्रति होगी। तेरे वैभव असर रहे मां हम रहे या ना रहे यह विचार मन में लेकर हमें अपने कार्य के प्रति दृढ़ प्रतिज्ञ होना होगा।
बुधवार, 15 जनवरी 2014
युवा मार्डन बनें लेकिन पश्चिम से परहेज करें ..... मोहन भागवत
युवा मार्डन बनें लेकिन पश्चिम से परहेज करें- मोहन भागवत
सरसंघचालक, गणितज्ञ और अभिनेता ने युवाओं को किया प्रेरित
सरसंघचालक, गणितज्ञ और अभिनेता ने युवाओं को किया प्रेरित
नागपुर, जनवरी 12 : स्वामी विवेकानन्द के
विचारों को आचरणीय बनाना आज की आवश्यक है। स्वामी विवेकानन्द ने कहा था, बलवान
बनो। शक्ति की उपासना करो, क्योंकि निर्बल की बात कोई नहीं सुनता। दुर्बल के सत्य
की कोई कीमत नहीं होती। पर शील विहीन शक्ति समाज को अवनति की तरफ ले जाता है। उक्त
विचारों से युवाओं को चारित्र्य के महत्त्व को प्रतिपादित करते हुए राष्ट्रीय
स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने कहा कि शील विहीन शक्ति रावण की
शक्ति की तरह होती है, इसलिए शरीर, मन तथा बुद्धि की शक्ति के साथ शील का होना
आवश्यक है। इसी से महान चरित्र बनता है।
डॉ. भागवत स्वामी विवेकानन्द सार्ध शती समारोह समिति, नागपुर की ओर से आयोजित ‘युवा
शंखनाद’ कार्यकम में उपस्थित 30 हजार से अधिक युवाओं को सम्बोधित कर रहे थे। इस भव्य युवा
सम्मलेन में मुख्य अतिथि के रूप में अभिनेता विवेक ओबेराय, सुपर-30 के जनक एवं गणितज्ञ आनंद कुमार के साथ
ही नागपुर के महापौर प्रा.अनिल सोले, सार्ध शती समारोह समिति के विदर्भ अध्यक्ष
विलास काले, समीर बेंद्रे, सोमदत्त करंजेकर समेत नगर के खेल, पर्यावरण और अध्यात्म
जगत के गणमान्य युवा प्रतिनिधि व्यासपीठ पर विराजमान थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में
अतिथियों ने स्वामी विवेकानन्द की प्रतिमा पर पुष्पार्पण किया।
डॉ. भागवत ने आगे कहा कि स्वामी विवेकानन्द बनने का
स्वप्न तो हर कोई देख सकता है। पर स्वामीजी के विचारों को आचरण में ढालना
आसान बात नहीं है। उन्होंने कहा कि बिना मेहनत, बिना परिश्रम के किसी भी लक्ष्य को
नहीं प्राप्त किया जा सकता। महान उद्यम और कड़ी तपस्या से ही ध्येय की सिद्धि होती
है। इसलिए युवा भारत को कठोर तपस्या, कठिन परिश्रम का व्रत लेना होगा। फौलादी
स्नायु, मजबूत आत्मबल और गंगा की तरह निर्मल मन बनाकर की सूर्य जैसा प्रखर
तेजस्विता को धारण किया जा सकता है। इसी से विवेक शक्ति विकसित होती है और जो
व्यक्ति पूर्ण प्रामाणिकता से कार्य करता है उसी के शब्दों पर समाज विश्वास करता
है।
संघ के मूल में विवेकानन्द का विचार
सरसंघचालक डॉ. भागवत ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द के विचारों को हमारी पुरानी
पीढ़ी ने अपने चरित्र में ढाला था और तब जाकर देश को स्वतंत्रता मिली। उनकी प्रेरणा से
ही समाज में सुधार आया। उन्होंने बताया कि आद्य सरसंघचालक डॉ. हेडगेवार कलकत्ता
में अपने मेडिकल पढ़ाई के दौरान रामकृष्ण मठ jayaकरते थे। मठ के अनेक सेवा कार्यों
में वे सक्रिय भूमिका निभाते थे। डॉ. भागवत ने बताया कि संघ के द्वितीय सरसंघचालक
श्रीगुरूजी गोलवलकर ने स्वामी अखंडानन्द (स्वामी विवेकानन्द के गुरुभाई) से दीक्षा
ली थी। इस प्रकार संघ के मूल में की स्वामी विवेकानन्द के विचार निहित है।
मार्डन बनों पर वेस्टर्न नहीं
सरसंघचालक ने युवाओं को सचेत करते हुए कहा कि आज हमारे समाज
में पश्चिमी जगत के अन्धानुकरण का फैशन चल रहा है। लोग अपनी भाषा, संस्कृति, धर्म
और सभ्यता को अभिव्यक्त करने के लिए शरमाते हैं। पर हमारा देश महान है, हमारी
संस्कृति महान है, इसलिए हमें इसपर गौरव होना चाहिए। अपना देश, अपनी संस्कृति,
अपना धर्म और अपने लोग के साथ हमें आगे बढ़ना है। समय के साथ बदलाव जरुरी है। हम
मार्डन बनें पर वेस्टर्न नहीं। उन्होंने कहा कि हमें आगे बढ़ने के लिए किसी देश की
नक़ल करने की आवश्यकता नहीं है। हम भारत बनकर आगे बढ़ेंगे, अपनी सांस्कृतिक जड़ों से
मजबूती से जुड़कर आगे बढ़ेंगे। क्योंकि जो अपने जड़ों को छोड़ देता है वो बह जाते हैं,
टूट जाते हैं।
डॉ. भागवत ने कहा कि न हम किसी प्रलोभन के प्रवाह में
बहेंगे, न ही टूटेंगे। हमें इस संकल्प के साथ आगे बढ़ना होगा। अपने समाज के प्रति
गहन आत्मीयता के साथ सेवाकार्य के लिए हमें तैयार रहना चाहिए। उन्होंने स्वामी
विवेकानन्द सार्ध शती के समापन पर युवाओं से आह्वान किया कि सारी निराशाओं को
त्यागकर अपने ‘स्वत्व’ पर अभिमान, शील और बल की उपासना करते हुए, किसी संगठन के
साथ जुड़कर अपने जीवन का यश प्राप्त करें।
स्वामीजी की 1 रूपये की किताब ने बदल दी
जिंदगी
युवा शंखनाद कार्यक्रम में आए सुपर-30
के जनक और गणितज्ञ आनंद कुमार ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द के विचारों पर आधारित 1
रुपये की किताब ने उनके जीवन को सही दिशा दी। जब वे
शिक्षा जगत में छाए उदासीनता को अनुभव कर रहे थे, तब स्वामी विवेकानन्द के विचारों
ने उन्हें आत्मबल प्रदान किया। इतना ही नहीं तो गरीब छात्रों को शिक्षित कर उन्हें
स्वावलंबी बनाने की प्रेरणा भी उन्हें स्वामीजी के विचारों से मिली। आनंद कुमार ने
उपस्थित युवाओं को स्वामी विवेकानन्द की पुस्तकों को पढ़ने का आह्वान किया।
वहीं अधिनेता विवेक ओबेराय ने भी बताया कि उनके
पिताजी अभिनेता सुरेश ओबेराय भी बचपन में उन्हें स्वामीजी के संदेशों को रोज पढ़कर
सुनाया करते थे। उन्होंने कहा कि स्वामीजी का वह सन्देश, जिसमें कहा गया था- ‘वही
जीवित हैं जो दूसरों के लिए जीते हैं, शेष तो मृतप्राय जीव है’, ने उनके जीवन को
सेवाकार्यों के लिए प्रेरित किया।
पाठ्यक्रम बदलाव गरीब विरोधी : आनंद
कुमार
इस अवसर पर गणितज्ञ आनंद कुमार ने कहा
कि शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में बदलाव गरीब विरोधी साबित हो रहे हैं। आईआईटी में कुछ
ऐसे बदलाव किए गए हैं कि गरीब छात्र प्रवेश नहीं ले पा रहे हैं। संघ लोकसेवा आयोग
का पैटर्न बदला। अंग्रेजी अनिवार्य कर दी गई। परीक्षा प्रक्रिया ऐसी है कि शहरी
छात्रों की तुलना में ग्रामीण छात्रों को अधिक रुपए देने पड़ रहे हैं। उन्होंने
कहा कि युवाओं को हर क्षेत्र में आगे आना चाहिए। जातिवाद ठीक नहीं है। सभी
मिल-जुलकर रहें। स्वदेशी वस्तुओं का अधिक से अधिक उपयोग किया जाना चाहिए। गांवों
में कुटीर उद्योग को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने सुपर-30 के तहत गरीब छात्रों को दी जा रही शैक्षणिक सेवाओं की जानकारी देते हुए कहा
कि इच्छाशक्ति से हर क्षेत्र में सफलता मिलती है।
पहला कदम तुम रखो
अभिनेता विवेक ओबेराय ने कहा कि अच्छे
कार्यों को शुरू करने के लिए पहला कदम युवा को रखना चाहिए। स्वामी विवेकानन्द ने
यह संदेश दिया था। सुनामी प्रभावितों को मदद, वृंदावन में शोषित किशोरियों को दी
जा रही मदद, केदारनाथ क्षेत्र में विधवाओं को दी गई मदद का जिक्र करते हुए ओबेराय
ने कहा कि सामाजिक सरोकारों से युवाओं को जुड़े रहना चाहिए। उन्होंने अच्छे
संस्कारों को अपनाने का आह्वान किया।
इस युवा शंखनाद सम्मलेन में 30 हजार से अधिक महाविद्यालयीन छात्र-छात्राएं
उपस्थित थे। कार्यक्रम के प्रारंभ में सांस्कृतिक कार्यक्रम के अंतर्गत देशभक्ति गीत,
लघु नाटिका, तलवारबाजी, शंखनाद और ढोल बजाकर सम्मलेन को रोमांचित बनाया गया। स्वामी
विवेकानन्द सार्ध शती समारोह समिति के महानगर संयोजक सोमदत्त करंजेकर
ने प्रस्तावना रखी तथा अध्यक्ष समीर बेंद्रे ने आभार माना। सम्मलेन में आए युवाओं
के लिए प्रवेश द्वार पर स्वामी विवेकानन्द का चित्र रखा गया था, प्रवेश के दौरान
सभी युवाओं ने स्वामीजी की प्रतिमा पर पुष्पार्पण किया।
इस अवसर पर विविध क्षेत्रों में सफल प्रतिभावान
युवाओं को सम्मानित किया गया। खेल क्षेत्र से मोनिका राऊत, दीपाली सबाने, धनश्री लेकुरवाड़े, जीतेश मेसावत, जय कविश्वर, संदीप सेलूकर आध्यात्मिक क्षेत्र से आशीष भागवतकर, सुमेधा बोधी, अंकित शर्मा, गुड्डू केवलरामानी, मनीष बदियानी, स्वामी अनंत शेष, ज्ञानदास सामाजिक क्षेत्र से प्रा. राम वाघ, वरुण श्रीवास्तव, राज मदनकर, अशोक मुंगने, करण नायक, सतीश भोयर शामिल थे।
सोमवार, 13 जनवरी 2014
जोधपुर प्रान्त में हर्षोल्लास के साथ मनाई गई विवेकानंद जयंती
हर्षोल्लास के साथ मनाई गई विवेकानंद जयंती
जोधपुर प्रान्त में स्वामी विवेकानंद सार्धशती समारोह समिति की ओर से वर्षभर में आयोजित कार्यक्रम का समापन रविवार को हुआ।
साभार: दैनिक भास्कर, जोधपुर ग्रामीण |
साभार: दैनिक भास्कर , पाली |
साभार: दैनिक भास्कर, बीकानेर |
साभार: दैनिक भास्कर , जैसलमेर |
साभार: दैनिक भास्कर, जैसलमेर |
साभार: दैनिक भास्कर, जैसलमेर |
साभार: दैनिक भास्कर, जालोर |
साभार: दैनिक भास्कर |
साभार: दैनिक भास्कर, जालोर |
साभार: दैनिक भास्कर, सिरोही |
शनिवार, 11 जनवरी 2014
डॉ.भागवत ने नहीं दी भाजपा को राजनीतिक नसीहत : RSS
डॉ.भागवत ने नहीं दी भाजपा को राजनीतिक नसीहत : RSS
दिल्ली, जनवरी 10 : “राष्ट्रीय
स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने भाजपा को आम आदमी पार्टी
(आप) को हल्के में न लेने की और उनसे कुछ सीखने की हिदायत दी है, यह समाचार
काल्पनिक, झूठ और सर्वथा आधारहीन है। ऐसा प्रतीत होता है कि जनता को
संभ्रमित करने की मंशा से ऐसी मनगढत और टेबल न्यूज़ बनाई गई है”, संघ के
अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य ने इस बात की जानकारी दी।
डॉ. वैद्य ने आज सुबह फ़ोन पर यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि संघ प्रमुख
ने आम आदमी पार्टी को लेकर कोई भी बयान नहीं दिया, न ही उन्होंने किसी
मीडिया प्रभारी से इस सम्बन्ध में कोई बात कही। संघ प्रचार प्रमुख ने
स्पष्ट करते हुए कहा कि मीडिया ने इस प्रकार की भ्रामक बातें फैलाई है।
डॉ. वैद्य के अनुसार, मीडिया में ऐसी खबर आई कि संघ प्रमुख ने भाजपा से
आम आदमी पार्टी को हल्के में न लेने की बात कहते हुए उनसे कुछ सीखने की
नसीहत दी, और कहा कि अन्यथा आगामी लोकसभा चुनाव के नतीजे भाजपा के मुताबिक
नहीं भी हो सकते। संघ प्रचार प्रमुख ने कहा, “यह कुछ हिंदी न्यूज़ चैनलों के
टेबल न्यूज़ बनानेवाले एक्सपर्ट मीडिया कर्मी का काम है।
उल्लेखनीय है कि हैदराबाद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की समन्वय बैठक
चल रही है, जिसमें विविध सामाजिक क्षेत्रों में कार्यरत विभिन्न संगठन एवं
संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए हैं। इस बैठक में संघ और संघ प्रेरित
संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP), वनवासी कल्याण आश्रम, विश्व
हिन्दू परिषद, भारतीय मजदुर संघ, भारतीय किसान संघ आदि संगठनों के
पदाधिकारी सहभागी हुए हैं। गौरतलब है कि इस बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय
अध्यक्ष राजनाथ सिंह और पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी केवल एक दिन उपस्थित रहे
थे।
ज्ञात हो कि प्रतिवर्ष सितम्बर और जनवरी में दो बार संघ की समन्वय बैठक
होती है। डॉ. वैद्य के अनुसार इस बैठक में देश के विभिन्न हिस्सों में
विविध क्षेत्रों में कार्यरत संगठन के अधिकारी आपस में कार्य की दृष्टि से
विचार विमर्श करते हैं, जिसके अंतर्गत राष्ट्रीय और सामाजिक स्तर पर चल रहे
अनेक अभियानों, कार्यक्रमों और योजनाओं की समीक्षा की जाती है। संघ प्रचार
प्रमुख ने कहा, “यह समन्वय बैठक संघकार्य की समीक्षा के लिए होता है और
बैठक के पश्चात कोई अधिकृत विज्ञप्ति नहीं दी जाती।”
डॉ. वैद्य ने कहा कि सरसंघचालक ने आम आदमी पार्टी को लेकर भाजपा को किसी भी प्रकार का निर्देश नहीं दिया।
सोमवार, 6 जनवरी 2014
सब को जोडने वाला तत्व हिंदुत्व हैं - डॉ. मोहन भागवत
हिंदुत्व हमारी राष्ट्रीयता हैं - डॉ. मोहन भागवत
जबलपुर ५ जनवरी २०१४ । हमारी पहचान हिन्दू हैं, हम सब को जोडने वाला तत्व
हिंदुत्व हैं, हिंदुत्व हमारी राष्ट्रीयता हैं, विनाश की कगार पर पहुची
आधुनिक दुनिया के समस्याओं के निराकरण का मार्ग हिंदुत्व हैं, प्रत्येक
राष्ट्र के जीवन का प्रयोजन होता हैं, रोम और यूनान जैसे देशों का प्रयोजन
तात्कालिक था इसलिए वह नष्ट हुए, किन्तु हिन्दू राष्ट्र यह अमर राष्ट्र
हैं, यह कभी समाप्त नहीं होगा.
उक्ताशय के उदगार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने संकल्प महाशिविर के समापन के अवसर पर व्यक्त किये. आपने आगे कहा की संघ का मानना हैं की व्यक्ति के जीवन परिवर्तन से समाज के वातावरण में परिवर्तन होगा और इस परिवर्तन से राष्ट्र का पुनर्निर्माण होगा सदाचरणी सच्छी निर्भय ऐसे गुणों से समाज में अच्छा वातावरण बनता हैं और ऐसा वातावरण ही समाज में परिवर्तन लाता हैं देश में परिवर्तन सामान्य जनता ही लाएगी किन्तु उसके लिए जनता का मात्र सामान्य होना पूर्ण नहीं हैं उसका गुणवान होना सतचारित्र्य होना संगठित होना अनिवार्य हैं
आपने कहा की रोज निष्काम और निरपेक्ष भाव से देश की सेवा करने से ही हम बलशाली राष्ट्र , समर्थ राष्ट्र बन सकेंगे
इस समापन कार्यक्रम में निवर्तमान शंकराचार्य स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी विशेष रूप में उपस्थितथे कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आपने कहा की हिन्दू समाज की यह विशेषता हैं की हम किसी के प्रति विद्वेष की भावना नहीं रखते आपने आगे कहा की राजनैतिक चिन्तन को छोडकर राष्ट्रप्रेम निर्माण का कार्य करने की आवश्यकता हैं जब प्रजातंत्र की परीक्षा का समय आता हैं तब हम समुदायों में जाती में बट जाते हैं यह अब बदलना होगा .
प्रारंभ में संघ के महाकोशल प्रान्त कार्यवाह डॉ भरतशरण सिंह ने संकल्प शिविर का निवेदन प्रस्तुत किया तथा कार्यक्रम का संचालन किया श्री दिग्विजय सिंह ने संकल्प महाशिविर के सभी सहयोगियों का आभार प्रदर्शित किया. डॉ मोहन भागवत जी के उद्बोधन के पहले आओ हम बदले वर्तमान यह एकल गीत प्रस्तुत हुआ .
कार्यक्रम में गणवेशधारी स्वयंसेवकों ने सूर्यनमस्कार लगाये तथा घोष की धुन पर दंड के साथ व्यायामयोग प्रस्तुत किये पूर्ण विजय संकल्प हमारा अनथक अविरल साधना यह गीत सभी स्वयंसेवकों ने सामूहिक रूप से प्रस्तुत किया प्रारंभ में सरसंघचालक जी ने जीप से स्वयंसेवकों की वाहिनियों में बनी रचना का निरिक्षण किया
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में प्रबुध्दजन, आम नागरिक, महिला आदि उपस्थित थे. इस कार्यक्रम की इन्टरनेट से सीधा प्रसारण किया गयाए जिसे पूरी दुनिया से हजारो लोगों ने देखा.
उक्ताशय के उदगार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत जी ने संकल्प महाशिविर के समापन के अवसर पर व्यक्त किये. आपने आगे कहा की संघ का मानना हैं की व्यक्ति के जीवन परिवर्तन से समाज के वातावरण में परिवर्तन होगा और इस परिवर्तन से राष्ट्र का पुनर्निर्माण होगा सदाचरणी सच्छी निर्भय ऐसे गुणों से समाज में अच्छा वातावरण बनता हैं और ऐसा वातावरण ही समाज में परिवर्तन लाता हैं देश में परिवर्तन सामान्य जनता ही लाएगी किन्तु उसके लिए जनता का मात्र सामान्य होना पूर्ण नहीं हैं उसका गुणवान होना सतचारित्र्य होना संगठित होना अनिवार्य हैं
आपने कहा की रोज निष्काम और निरपेक्ष भाव से देश की सेवा करने से ही हम बलशाली राष्ट्र , समर्थ राष्ट्र बन सकेंगे
इस समापन कार्यक्रम में निवर्तमान शंकराचार्य स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी विशेष रूप में उपस्थितथे कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आपने कहा की हिन्दू समाज की यह विशेषता हैं की हम किसी के प्रति विद्वेष की भावना नहीं रखते आपने आगे कहा की राजनैतिक चिन्तन को छोडकर राष्ट्रप्रेम निर्माण का कार्य करने की आवश्यकता हैं जब प्रजातंत्र की परीक्षा का समय आता हैं तब हम समुदायों में जाती में बट जाते हैं यह अब बदलना होगा .
प्रारंभ में संघ के महाकोशल प्रान्त कार्यवाह डॉ भरतशरण सिंह ने संकल्प शिविर का निवेदन प्रस्तुत किया तथा कार्यक्रम का संचालन किया श्री दिग्विजय सिंह ने संकल्प महाशिविर के सभी सहयोगियों का आभार प्रदर्शित किया. डॉ मोहन भागवत जी के उद्बोधन के पहले आओ हम बदले वर्तमान यह एकल गीत प्रस्तुत हुआ .
कार्यक्रम में गणवेशधारी स्वयंसेवकों ने सूर्यनमस्कार लगाये तथा घोष की धुन पर दंड के साथ व्यायामयोग प्रस्तुत किये पूर्ण विजय संकल्प हमारा अनथक अविरल साधना यह गीत सभी स्वयंसेवकों ने सामूहिक रूप से प्रस्तुत किया प्रारंभ में सरसंघचालक जी ने जीप से स्वयंसेवकों की वाहिनियों में बनी रचना का निरिक्षण किया
इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में प्रबुध्दजन, आम नागरिक, महिला आदि उपस्थित थे. इस कार्यक्रम की इन्टरनेट से सीधा प्रसारण किया गयाए जिसे पूरी दुनिया से हजारो लोगों ने देखा.
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