स्वदेशी एक आध्यात्मिक अनिवार्यता - जे नन्द कुमार
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख जे. नन्द कुमार उध्बोधन देते हुए |
जोधपुर। पूरा विश्व आज भारत की ओर देख रहा है ऐसे में हमें भारतीय छवि बनाए रखने की आवश्यकता है हमारी संस्कृति हमारा परिवार आधारित अर्थव्यवस्था सम्पूर्ण समाज की उन्नति के लिए आधारभूत संरचना उपलब्ध कराती आई है. ऐसे में यदि हम हमारी गौरवशाली स्वदेशी रूपी धरोहर को त्यागकर पश्चिम का अन्धा अनुकरण करें तो हम उन पश्चिमी लोगों को जो भारत की और उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे है क्या संदेश देने में समर्थ रहेगे ? अतः भारतीय स्वदेशी अवधारणा वर्तमान समय में नितान्त आवश्यक है। यह विचार गुरूवार को स्वदेशी जागरण मंच कार्यलय में स्वदेशी दिवस के अवसर पर आयोजित स्वदेशी अवधारणा विषयक संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचार प्रमुख जे नन्द कुमार ने मुख्य व्यक्ता के रूप में बोलते हुए व्यक्त किए।
जे नन्द कुमार ने स्वदेशी अवधारणा के बारे में विस्तृत रूप से बताते हुए कि स्वदेशी शांति की पूर्व शर्त ( Swadeshi is the prerequisite of Peace )है और स्वदेशी आध्यात्मिक अनिवार्यता (Swadeshi is a spiritual imperative ) है।
जे नन्द कुमार ने स्वदेशी अवधारणा के बारे में विस्तृत रूप से बताते हुए कि स्वदेशी शांति की पूर्व शर्त ( Swadeshi is the prerequisite of Peace )है और स्वदेशी आध्यात्मिक अनिवार्यता (Swadeshi is a spiritual imperative ) है।
गौ विज्ञान परीक्षा समिति अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा कि स्वदेशी केवल वस्तु के प्रयोग से नहीं बल्कि प्रत्येक स्तर पर आचरण में भारतीयता लाने से है । विश्व की डगमगाति आर्थिक व्यवस्था में भारतीय अर्थव्यवस्था स्वदेशी अवधारणा के चलते ही आज सीना ताने खड़ी है।
स्वदेशी जागरण मंच एवं परम पूज्य माधव गौ विज्ञान समिति द्वारा किये जा रहे कार्य आज समाज के ताने बाने को बनाए रखने के लिए नितान्त आवश्यक है विश्व में सन् 2020 तक दुनिया की 28 प्रतिशत श्रम शक्ति भारत की होगी, सिंचित क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत 5 करोड़ 70 लाख हैक्टेयर कृषि भूमि के विश्व में नंबर 1 पर है। भारत को विश्व के अधिकांश देश एक विश्वशनीय सत्ता के रूप में देख रहे है एतव् स्वदेशी अवधारणा बलवती होती जा रही है अब समय आ गया है जब प्रत्येक भारतीय को स्वदेशी पर गर्व हो चला है।
कार्यक्रम में स्वदेशी के प्रान्त सहसयोजक धर्मेन्द्र दुबे ने मंच की गतिविधियों की जानकारी दी। विभाग संयोजक लूणाराम सैन ने धन्यावाद ज्ञापित किया। राष्ट्रीय स्वय सेवक संघ के महानगर संघ चालक खूबचन्द खत्री, मंच के प्रान्त सह कोष प्रमुख अतुल भंसाली, प्रान्त प्रवक्ता संदीप काबरा, प्रान्त संघर्ष वाहिनी प्रमुख गोपालसिंह भाटी, बन्नाराम पंवार, विरेन्द्रसिंह शेखावत ने विचार व्यक्त किये वही कार्यक्रम गोपालसिंह राजपुरोहित, महेश जांगिड़, विचार मंडल प्रमुख अनिल वर्मा, रोहिताष पटेल, रामसिंह भाटी, ओमाराम जांगू, परसाराम ने विचार व्यक्त किये।
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