मंगलवार, 24 फ़रवरी 2015

गरीब की सेवा में नहीं हो धर्मांतरण का भाव- भागवत

कल इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने राष्ट्रीय  स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन जी भागवत के भरतपुर के एक कार्यक्रम दिए उध्बोधन को अपने हित से तोड़ मरोड़ कर अपने कौन से मंसूबे पुरा कर रहा है किसी से छिपा नहीं है .
सेवा और सेवा के पीछे के भाव  वास्तव में एक चिंता का विषय है।

स्थानीय समाचार पत्रों  में छपे समाचार से स्थति स्पष्ट है कि भागवत जी ने ऐसा कुछ नहीं कहा था।

गरीब की सेवा में नहीं हो धर्मांतरण का भाव- भागवत

 

अपना घर के कार्यक्रम में बोले संघ प्रमुख
भास्कर न्यूज | भरतपुर
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघ चालक डॉ. मोहनराव भागवत ने कहा कि दीन-हीन की सेवा निस्वार्थ भाव से करनी चाहिए। इसमें कुछ पाने का भाव नहीं होना चाहिए।
उन्होंने मदर टेरेसा का जिक्र करते हुए कहा कि टेरेसा द्वारा अच्छी सेवा की जाती होगी, किंतु उसके पीछे कहीं कहीं धर्मांतरण का भाव रहता था। जबकि अपना घर में चल रहे सेवा कार्य में जाति वर्ग का कोई भेद नहीं होता। क्योंकि सेवा की आड़ में हित साधने से सेवा का अवमूल्यन होता है। संघ प्रमुख अपना घर में परम सेवा गृह शिशु बाल गृह के लोकार्पण समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने 600 आवासीय क्षमता के महिला सदन का भी भूमि पूजन किया।
इस मौके पर संघ प्रमुख ने कहा कि दीन हीन की सेवा करना ईश्वरीय कार्य है। इससे बढ़कर कोई परोपकार नहीं है। निरपेक्ष भाव से सेवा करनी चाहिए। अहंकार नहीं होना चाहिए। सेवा के प्रति भावना ऐसी होनी चाहिए कि पीड़ित पर कोई उपकार नहीं किया, वरन पीड़ित ने सेवा का मौका देकर उसके जीवन का उद्दार किया है। उन्होंने कहा कि ऐसी संवेदना अगर समाज के प्रति रहेगी तो समाज को कोई तोड़ नहीं सकता। भारत को कोई गुलाम नहीं बना सकता।
उन्होंने कहा कि सेवा कार्य करने के साथ-साथ अन्य लोगों में भी सेवा करने का भाव पैदा करना चाहिए। जिससे सेवा कार्य सतत चलता रहे। अपना घर के सेवा कार्य से अभिभूत संघ प्रमुख ने इसे तीर्थस्थल की उपमा दी। उन्होंने कहा कि नौजवानों को देश के गौरव बढ़ाने वाले स्मारकों तथा कर्तव्य की भावना पैदा करने वाले स्थानों का भ्रमण कराना चाहिए।
इस मौके पर यूपी के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह ने कहा कि मदर टेरेसा ने अच्छा काम किया था, किंतु उनकी संस्था के लोग अन्य धर्म के पीड़ित लोगों पर ईसाई धर्म अपनाने के लिए दबाव डालते थे। जबकिअपना घर में बिना किसी भेदभाव के सेवा कार्य होता है। अपना घर के संस्थापक डॉ. बीएम भारद्वाज ने बताया कि परम सेवा गृह और शिशु बाल गृह करीब 1.5 करोड़ की लागत से बनकर तैयार हुआ है। महिला सदन करीब 5 करोड़ की लागत से तैयार होगा। उन्होंने लोगों से महिला सदन के लिए 21-21 ईंट का सहयोग करने का आह्वान किया। साथ ही कहा कि लोगों में यह भ्रांति है कि अपना घर में करोड़ों रुपया आता है, जबकि संस्था पर करीब 31 लाख रुपए का कर्ज है। इस मौके पर मुंबई के रामप्रसाद अग्रवाल, दिल्ली के रामपाल पगड़ी, आगरा के बीड़ी अग्रवाल, धन कुमार आदि ने विचार रखे। राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरपालसिंह ने बताया कि संस्था द्वारा देश भर में 10 स्थानों पर आश्रम चलाए जा रहे हैं। इनमें करीब 1200 आवासी हैं। उन्होंने संस्था की गतिविधियों की जानकारी दी। संस्थापिका डॉ. माधुरी भारद्वाज ने आभार जताया। इस मौके अतिरिक्त जिला कलेक्टर ओपी जैन, विधायक विजय बंसल, भाजपा नेता भजनलाल शर्मा,कृष्ण कुमार अग्रवाल, सीए विनय गर्ग, सिद्धार्थ फौजदार, महेंद्रसिंह मग्गो, ईश्वरसिंह आदि मौजूद थे।
भागवतजयपुर रवाना
चारदिवसीय दौरे के बाद संघ प्रमुख डा. मोहनराव भागवत सोमवार की शाम जयपुर रवाना हो गए। संघ प्रमुख आज जवाहर नगर स्थित संघ कार्यालय पहुंचे तथा कार्यकर्ताओं से चर्चा की। इसके अलावा दोपहर में पूर्ण कालिक कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत का भविष्य उज्जवल है तथा विश्व गुरू का सपना साकार करने के लिए पूरी ताकत के साथ जुट जाएं।


साभार:दैनिक भास्कर

साभार:राजस्थान पत्रिका

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विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित