योग के लाभ से लाभान्वित होगा पूरा विश्व, 21 जून को दुनियाभर में 2 अरब लोगों के भाग लेने की संभावना
नई
दिल्ली. योगश्चितवृत्तिनिरोध: अर्थात चित्तवृत्तिओं पर नियंत्रण ही योग
है. मन और शरीर के मध्य सामंजस्य योग है. जीवन जीने की कला योग है. योग को
धर्म के साथ जोड़ना कदापि उचित नहीं कहा जा सकता. योग धर्म, आस्था,
मान्यताओं से परे है. यह वसुधैव कुटुम्बकम के मार्ग पर चलने वाले भारत की
दुनिया को अमूल्य देन है. योग न केवल एक चिकित्सा पद्धति है, अपितु मनुष्य
योग के माध्यम से अपने जीवन की श्रेष्ठता को हासिल कर सकता है. जिस प्रकार
हमारे ऋषियों, मुनियों ने हासिल की थी. आज भारत की धरोहर को वैश्विक पहचान
मिल रही है, और पूर्ण विश्वास है कि समस्त विश्व इससे लाभान्वित होगा.
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दिसंबर में भारत के प्रधानमंत्री के प्रस्ताव
को स्वीकार करते हुए 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने
की घोषणा की थी. संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष सैम के कुटेसा ने 21
जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की घोषणा की और कहा कि 170 से अधिक
देशों ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के प्रस्ताव का समर्थन किया, जिससे पता
चलता है कि योग के अदृश्य और दृश्य लाभ विश्व के लोगों को कितना आकर्षित कर
रहे हैं. अब संयुक्त राष्ट्र की सराहनीय पहल से पूरी दुनिया योग के लाभ से
परिचित होगी.
महर्षि पतंजलि, ऋषियों के अनथक अनुसन्धान, तप और परिश्रम से योग व
“पातंजल योगसूत्र” हमें प्राप्त हुआ. आज हमारी यह धरोहर विश्व के रोग, शोक,
भय और उदासीनता को दूर करने के साधन के रूप में सबके सामने है. भारत की ओर
से योग ऐसा उपहार है, जो मनुष्य को उसके जीवन लक्ष्य तक पहुंचाने का सहज
माध्यम है.
इस अमूल्य भारतीय धरोहर को पूरे विश्व में प्रचारित करने को लेकर भारत
सरकार ने भी योजनाबद्ध ढंग से हर संभव प्रयास किया है. ताकि पहले
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के आयोजन को सफल किया जा सके. संयुक्त राष्ट्र के
अलावा गैर सरकारी संगठन अपने स्तर पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर कार्यक्रम
करने वाले हैं. विभिन्न देशों में स्थित दूतावासों को योग दिवस पर
कार्यक्रम के आयोजन और आयोजनों में सहयोग की जिम्मेदारी दी गई है. एक
अनुमान के अनुसार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर होने वाले कार्यक्रमों में
पूरी दुनिया में लगभग 2 अरब (दो बीलियन) लोग शामिल होंगे, जो अपने आप में
एक अनूठा रिकार्ड होगा. विश्व के करीब 192 देशों के 256 शहरों में
छोटे-बड़े स्तर पर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में कार्यक्रम
आयोजित होने का अनुमान है.
विश्व भर में आयोजित कार्यक्रमों में एकरूपता लाने के लिए 17 सदस्यों
वाली विशेषज्ञों की टीम (जिसमें बाबा रामदेव, एस-व्यासा के अध्यक्ष डॉ एचआर
नागेंद्र, श्रीश्री रविशंकर सहित अन्य शामिल हैं) ने 35 मिनट की डीवीडी
(प्रोटोकॉल, जिसमें विभिन्न योगासनों को शामिल किया है) तैयार की है, जिसे
संयुक्त राष्ट्र सहित विश्व के विभिन्न देशों को भेजा गया है. साथ ही
विभिन्न देशों के सहयोग व योग दिवस पर होने वाले कार्यक्रम की सफलता के लिए
भारत से 100 से अधिक प्रशिक्षित योग शिक्षकों को भी भेजे जाने की सूचना
है.
देश की राजधानी दिल्ली में होने वाले कार्यक्रम को भी विशेष बनाने की
तैयारी है. अभी तक की जानकारी के अनुसार योग दिवस पर 35 हजार से अधिक लोग
राजपथ पर सामूहिक रूप से योग करेंगे, कार्यक्रम में सौ से अधिक देशों के
नागरिकों को शामिल करने के भी प्रयास किए जा रहे हैं, जिससे अंतरराष्ट्रीय
योग दिवस पर कार्यक्रम की वैश्विक झलक दिल्ली में देखने को मिल सके. दिल्ली
में होने वाले कार्यक्रम में प्रधानमंत्री स्वयं उपस्थित रहने वाले हैं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की प्रेरणा से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के
उपलक्ष्य में एस व्यासा संस्थान, आरोग्य भारती सहित अन्य संगठन देश भर में
मधुमेह मुक्त भारत अभियान के तहत योग शिविरों (साप्ताहिक) का आयोजन करने
वाले हैं. शिविरों के आयोजन का क्रम 21 जून से जिला, नगर स्तर पर शुरू
होगा. शिविरों का उद्देश्य योग के महत्व को प्रचारित करने के साथ ही मधुमेह
मुक्त भारत का निर्माण करना है. शिविरों के लिए एक विशेष कोर्स तैयार किया
गया है, जिससे मधुमेह से पीड़ित रोगियों को लाभ मिलेगा. विश्व के विभिन्न
देशों में भी योग दिवस पर गैर सरकारी संगठन अपने स्तर पर कार्यक्रम का
आयोजन करने वाले हैं.
यह भी विडंबना ही है कि अपने ही देश में योग दिवस को लेकर विरोध व
राजनीति भी खूब हो रही है. जहां पूरा विश्व योग को अपनाने को तैयार है,
मुस्लिम देशों में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर कार्यक्रमों का आयोजन होगा,
इन देशों में तैयारी चल रही है. वहीं अपने देश में राजनीतिक पार्टियों के
साथ ही कुछ धर्मों के लोग संभवतया बेवजह विवाद खड़ा कर रहे हैं. उन्हें
समझना होगा कि योग किसी धर्म संप्रदाय से संबंधित नहीं है, श्रेष्ठ जीवन का
आधार है. यह भारत की पूरी दुनिया को देन है. आश्चर्यजनक रूप से अपने ही
देश में कुछ राज्यों से यह भी समाचार मिल रहे हैं कि सरकार ने सरकारी स्तर
पर योग दिवस पर कार्यक्रमों का आयोजन न करने का निर्णय लिया है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा के अध्यक्ष सैम के कुटेसा के अनुसार “योग
विचारों और कर्म को सामंजस्यपूर्ण ढंग से एकाकार करता है और स्वास्थ्य को
ठीक रखता है.” भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अनुसार संयुक्त राष्ट्र
की ओर से लिया गया फैसला वैश्विक स्तर पर योग को लोकप्रिय करेगा और इस
‘अमूल्य भारतीय धरोहर’ से दुनिया के लोग लाभ पा सकेंगे.
निकुंज सूद
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