हिन्दु का अर्थ
ही हिंसा न करने वाला हैं - डाॅ भगवती प्रकाश जी
भीनमाल (जालोर ). हिन्दु का अर्थ
ही हिंसा न करने वाला हैं। हिन्दु सर्वे भवन्तु सुखिनः की कामना करता हैं। हिन्दु मनुष्य के साथ साथ पशु पक्षियों के भी सुख की कामना करने वाला है। भारत पवित्र भूमि है , विश्व में शांति हो यही इसकी कामना रहती है। महान संस्कृति की
रक्षा के लिए देशी गाय पालने, वृक्षारोपण करने, जल बचाने, पोलिथिन का
उपयोग न करने की बात कही। उन्होंने कहा कि समाज को सुरक्षित रखने
के लिए संगठन की महत्ती आवश्यकता हैं। २१ दिनों तक स्वयंसेवकों ने तपस्या की है वह देश हित में है. डाॅ भगवती प्रकाश जी, क्षेत्र संघचालक, संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष के
समारोप में मुख्य वक्ता के नाते अपने विचार व्यक्त कर
रहे थे.
उन्होंने चीनी घुसपैठ पर चिंता जताते हुए कहा कि एक तरफ चीन देश में घुसपैठ
कर रहा है, दूसरी तरफ उस देश की वस्तुओं का अपनाकर हम उसे मजबूत बना रहे हैं,
जो सभी के लिए चिंता का विषय हैं। स्वदेशी अवधारणा को बताते हुए उन्होंने चीनी वस्तुए खरीदने पर देश की अर्थव्यवस्था को बहुत बडा नुकसान
बताया।
उन्होंने कहा कि हमेशा विदेशों का
प्रयास भारतीय संस्कृति को नष्ट करने का रहा है। उन्होंने ऐसे देशों से
सावधान रहने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि देश में नक्सलवाद, अलगाववाद
आतंकवाद के माध्यम से राष्ट्र को कमजोर करने का प्रयास किया जा रहा है,
जिसको रोकने के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता हैं।
उन्होंने योग के लाभों से अवगत करवाते हुए कहा कि भारत के योगिक ज्ञान को
संपूर्ण विश्व ने सराहा है। इसी कारण संसार के 193 देशों ने इसे स्वीकार कर
21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है।
उन्होंने कहा कि इतिहास साक्षी है कि वेदों में सभी जीवों में प्रति दया
रक्षा का भाव विद्यमान है, जिसमें परोपकार से पुण्य की प्राप्ति होती है।
उन्होंने कहा कि भारतीय गाय के दूध, मूत्र गोबर से कई गंभीर बीमारियों का
इलाज होता है, जबकि विदेशी नस्ल की गायों से कई प्रकार की बीमारियां पैदा
होती है। उन्होंने औसत से कम वर्षा के चलते दिनोंदिन गिरते भू-जल स्तर पर
चिंता प्रकट करते हुए बताया कि ऐसे दौर में सभी देशवासियों को जल बचाने का
प्रयास करना चाहिए।
उध्बोधन देते हुए डाॅ भगवती प्रकाश जी ने कहा कि संसार की 16 प्रतिशत आबादी हिंदुस्तान
में निवास करती है। वहीं विश्व में सर्वाधिक कृषि योग्य भूमि भी भारत के
पास है। इसके बावजूद देश के 30 प्रतिशत लोग आज भी अशिक्षित है, जो चिंता का
विषय हैं। उन्होंने धर्म पर्यावरण के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि
धर्म में आस्था पर्यावरण को बचाने के लिए सभी को आगे आने की आवश्यकता हैं।
विश्व के सबसे बडे गैर सरकारी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का कार्य सुचारू रूप से चलाने के पिछे कार्यकर्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहता हैं। संघ की रीतिनीति एंव कार्यप्रणाली में ढालने के लिए कार्यकत्ताओं के प्रशिक्षण के लिए यह वर्ग देश भर में आयोजित किये जाते हेैं। संघ के तीन स्तरों के ये प्रशिक्षण वर्ग प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष व तृतीय वर्ष कहलाते हैं. जोधपुर प्रान्त के बाडमेर व पाली विभाग (जालोर, सिरोही, बाडमेर, बालोतरा, जैसलमेर, पाली व बाली जिला) प्रथम वर्ष के वर्ग प्रान्तीय आधार पर लगते हैं 17 मई से प्रारम्भ हुआ तथा 6 जून को इनका समापन हुआ.
भीनमाल के आदर्श विद्या मंदिर में जोधपुर प्रान्त के बाडमेर व पाली विभाग के 21 दिवसीय संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष में 325 स्वयंसेवकों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया।
वर्ग के समापन समारोह में स्वयंसेवक वर्ग में घोष, योगासन, व्यायाम, नियुद्ध एंव दण्ड युद्ध आदि का सामूहिक रूप से प्रदर्शन किया। वर्ग के समापन समारोह में क्षेत्र संघचालक डाॅ भगवती प्रकाश मुख्य वक्ता थे तथा भैरूनाथ अखाडा सिरे मन्दिर के मंहत गंगानाथ का पावन सानिध्य रहा। मुख्य अतिथ्य सेवानिर्वत भारतीय प्रशासनिक अधिकारी ठाकुर गंगासिंह रामसीन का था।
वर्ग के समापन समारोह में भीनमाल के 11 बस्तियों से 300 परिवार से 15 सदस्यों ने सहभोज में भाग लिया। वर्ग कार्यवाह गंगाविष्णु ने वर्ग का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर प्रान्त प्रचारक मुरलीधर जी, जिला संघचालक गोपाल कुमार जी ,पशुपालन एवं देवस्थान राज्य
मंत्री ओटाराम देवासी, सांसद देवजी पटेल, जिला प्रमुख वन्नेसिंह गोहिल,
भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश उपाध्यक्ष श्रवणसिंह राव बोरली, पूर्व मंत्री
जोगेश्वर गर्ग, भीनमाल विधायक पूराराम चौधरी, रानीवाड़ा विधायक नारायणसिंह
देवल, आहोर विधायक शंकरसिंह राजपुरोहित, पूर्व विधायक जीवाराम चौधरी, नगर पालिका
अध्यक्ष सांवलाराम देवासी, उपाध्यक्ष जयरूपाराम माली, प्रधान धुखाराम
पुरोहित, विद्या भारतीय के प्रांतीय अध्यक्ष डा. श्रवण कुमार मोदी,
सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग मौजूद थे।
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