स्वदेशी जागरण मंच - राष्ट्रीय सम्मेलन की तैयारियां अपने अन्तिम चरण में
जोधपुर, 23 दिसम्बर 2015. स्वदेशी वह भावना है जो हमें दूर-दराज की बजाय अपने आस-पास के ही उपयोग एवं सेवा की ओर ले जाती है। आर्थिक क्षेत्र में मुझे निकट-पड़ोसियों द्वारा उत्पादित वस्तुओं का ही उपयोग करना चाहिए और यदि उन उद्योग-धन्धों में कहीं कोई कमी हो तो मुझे उन्हें ज्यादा सम्पूर्ण और सक्षम बनाकर उनकी सेवा करनी चाहिए। मुझे लगता है यदि ऐसे स्वदेशी को व्यवहार में उतारा जाए तो इससे स्वर्ण युग की अवतारणा हो सकती है। उपरोक्त विचार स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय संगठक कश्मीरीलाल ने कहे।
मंच के उतर भारत संगठक सतीश कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय सम्मेलन की तैयारियां अपने अन्तिम चरण में है विशाला डोमो का निर्माण पूर्ण हो चुका है। स्टेज भी बनकर तैयार है। इसकी थीम ग्रामीण परिवेश की रखी गई। उन्होनें आगे बताया कि विभिन्न प्रांतो से स्वदेशी पदाधिकारियों का आना शुरू हो गया है। सम्मेलन से एक दिन पूर्व आज राष्ट्रीय परिषद की बैठक आयोजित होगी जिसमें देश भर के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य, सभी प्रदेशों के संयोजक व सहसंयोजक भाग लेगंे।
राष्ट्रीय परिषद की इस महत्वपूर्ण बैठक में लिए गए निर्णयों के आधार पर राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान विभिन्न मुद्दे व विषयों पर सत्रों को आयोजित किया जायेगा।
मंच के प्रदेश संयोजक भागीरथ चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस सम्मेलन में सभी प्रदेशों से लगभग 2000 स्वदेशी कार्यकर्ता यहां एकत्रित होगे। और तीन दिनों तक विभिन्न मुद्दों व विषयों पर चिन्तन व मनन करेगें। कल प्रातः 11 बजे उद्घाटन सत्र द्वारा सम्मेलन आगाज हो जायेगा।
मिथिलेश झा ,मीडिया प्रभारी ने बताया कि 26 दिसम्बर को 2.00 बजे संदेश रैली उम्मेद स्टेडियम से गांधी मैदान तक आयोजित की जायेगी तथा 4.00 बजे गांधी मैदान में हुंकार सभा आयोजित की जायगी। जिसमे लगभग 10,000 लोग भाग लेगे। संध्या में सम्मेलन स्थल पर संस्कृतक कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा। जिसमें सभी प्रान्तों से आये अतिथियों के सम्मूख मारवाड़ी सांस्कृति की छटा बिखेरी जायेगी।
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