शुक्रवार, 10 मार्च 2017

आरएसएस के वरिष्ठ स्वयंसेवक ने अपने सात दिन के पौत्र का देह दान किया

आरएसएस के वरिष्ठ स्वयंसेवक ने अपने सात दिन के पौत्र का 
देह दान किया
नई दिल्ली. शिशु आंचल गुप्ता (पुत्र श्री सूरज गुप्ता और श्रीमती आंचल गुप्ता) का जन्म 1 मार्च 2017 को पटपड़गंज स्थित मैक्स अस्पताल में हुआ था. उसके जन्म से परिवार में खुशियां छा गईं. बहरहाल, शिशु अल्पायु था. जन्म के कुछ घंटे बाद ही उसके माता-पिता को सूचना दी गई कि उसकी आर्टरीज़ उलझी हुई हैं और शिशु को हल्का दिल का  दौरा पड़ा है.

परिवार शिशु को एम्स ले गया. जन्म के सातवें दिन ही आंचल की वहां ओपन हार्ट सर्जरी की गई जो छह घंटे चली. एम्स के डॉक्टरों ने जी-तोड़ मेहनत की, लेकिन शिशु को नहीं बचा सके. ऑपरेशन के तत्काल बाद 7 मार्च, 2017 को आंचल की मृत्यु हो गई.

आंचल के दादा अरविन्द जी और पिता सूरज राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता हैं. अरविन्द जी ने कहा, “मेरे दिमाग में आया कि मेरा पोता नहीं रहा, लेकिन अपनी मृत्यु के बाद चिकित्सा विज्ञान के मकसद में अगर यह काम आ सके तो इस धरती पर उसका कुछ घंटों के लिए आना सफल हो जाएगा.’’ अरविन्द जी से शिशु आंचल की मृत देह एम्स को दान करने का प्रस्ताव रखा. सूरज और उनकी पत्नी भी राज़ी हो गए, लेकिन परिवार के कुछ अन्य सदस्यों ने विरोध किया. अरविन्द जी और सूरज शिशु की देह दान पर अडिग रहे, विरोधों की परवाह नहीं की और चिकित्सा शिक्षा के लिए एम्स से मृत देह को उपहार स्वरूप स्वीकार करने का अनुरोध किया.
दधीचि देह दान समिति ने तुरंत देह दान की व्यवस्था की. शिशु आंचल की मृत देह रात को साढ़े ग्याहर बजे एम्स के एनाटमी विभाग को दान कर दी गई.

एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. बलराम ऐरन ने कहा, “यह उपहार बेशकीमती है क्योंकि यह नन्हीं देह हमारे विद्यार्थियों को मानव देह के कुछ जटिल मुद्दों को पढ़ा सकेगी. खास तौर पर इसलिए कि सात दिन का यह शिशु दिल की खास बीमारी से पीडित था.”

दिल्ली विधान सभा के स्पीकर राम निवास जी ने कहा, “अरविन्द के परिवार ने ऐसे कठिन समय में अत्यधिक साहस और धैर्य दिखाया है. दिल्ली की जनता इस चरम बलिदान के लिए हमेशा शुक्रगुज़ार रहेगी. यह दान बड़ी संख्या में लोगों को प्रेरित करेगा और स्वस्थ एवं सबल भारत के उद्देश्य को बढ़ावा देगा.’’



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विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित