बुधवार, 22 नवंबर 2017

बौद्धिक संपदा से परिपूर्ण युवा पीढ़ी के सक्रिय योगदान की आवश्यकता : चंद्रशेखर

वेटरनरी विश्वविद्यालय में “सोशल मीडिया” पर कार्यशाला

बौद्धिक संपदा से परिपूर्ण युवा पीढ़ी के सक्रिय योगदान की आवश्यकता :  चंद्रशेखर 

  
कार्यशाला में उध्बोधन देते हुए चंद्रशेखर जी

बीकानेर, 20 नवम्बर। वर्तमान में एक सशक्त माध्यम के रूप में उभर रहे सोशल मीडिया को राष्ट्र निर्माण में उपयोग के लिए हमें अपनी पूरी जिम्मेदारी के साथ कार्य करने की जरूरत है। ये विचार वेटरनरी ऑडिटोरियम में सोमवार को “राष्ट्र निर्माण में सोशल मीडिया की उपयोगिता” विषय पर आयोजित कार्यशाला में व्यक्त किये गए। 

 विश्व संवाद केन्द्र बीकानेर और वेटरनरी विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में कार्यशाला के मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जोधपुर  प्रांत प्रचारक  चन्द्रशेखर जी ने कहा कि इस देश का सतत् स्वाभिमान और सतत् संघर्ष का इतिहास रहा है। भारतीय संस्कृति, मानवीय संवेदनाओं और जीवन मूल्यों के मूल विचारों की पुर्नस्थापना का अनुकूल समय है। मीडिया का राष्ट्र के पुर्ननिर्माण में अहम योगदान है। 

चन्द्रशेखर जी ने  अपने उध्बोधन में कहा कि अब सोशल मीडिया एक खुला मंच है जिसमें बौद्धिक रणनीति अपनाने की जरूरत है। मीडिया सकारात्मक, तथ्यपरक समाचार, जीवन मूल्यों की स्थापना और श्रम का सम्मान करने वाली खबरों से राष्ट्र जागरण में अपना अहम योगदान कर सकती है जिसमें बौद्धिक संपदा से परिपूर्ण युवा पीढ़ी के सक्रिय योगदान की आवश्यकता है। 

चंद्रशेखर जी विषय को विस्तार से रखते हुए कहा कि  देश में अच्छे कार्यों की संख्या ज्यादा है लेकिन उसका प्रचार कम होता है। टी.आर.पी. बढ़ाने की होड़, व्यावसयिक प्रतिस्पर्द्धा, राजनीतिक झुकाव, पूर्वाग्रह ग्रसित समाचार और परिवार का विखण्डन करने वाली नकारात्मक खबरों से पूरी व्यवस्था प्रभावित होती है और समाज दिग्भ्रमित होता है। सनसनीखेज, मसालेदार और नकारात्मक खबरों के जंजाल से समाज और देश का नुकसान होता है। सोशल मीडिया की विश्वसनीयता को बनाए रखना हम सबकी जिम्मेवारी है। तथ्यात्मक बातों के साथ विचारवान लोगों को इसका उपयोग करने के लिए सचेष्ट रहना होगा।

 प्रांत प्रचारक चंद्रशेखर जी ने कहा कि देश में शहरी माओवाद युवाओं को दिग्भ्रमित कर लोगों का उकसाने का कार्य कर रहा है। ऐसे प्रयासों को नाकाम करने के लिए मीडिया माध्यमों का पारंपरिक मूल्यों और हिन्दुत्व की जीवन शैली जो कि हमारी रीढ़ है, को बचाए रखना और राष्ट्रहित को सर्वोपरि बनाने में इसका योगदान है। 

कार्यशाला के मुख्य अतिथि वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. छीपा ने वर्तमान परिवेश में इस कार्यशाला में चिंतन और संवाद को महत्वपूर्ण बताया। कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए वेटरनरी कॉलेज के अधिष्ठाता प्रो. त्रिभुवन शर्मा ने कहा कि राष्ट्र निर्माण और लोक जागरण में सोशल मीडिया की महत्ता भूमिका के मद्देनजर हमें उसके अनुकूल कार्य और आचरण करना है।

 इस अवसर पर श्री हेम शर्मा ने राष्ट्र निर्माण में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया की उपयोगिता और उसके प्रभावों के बारे में बताया। कार्यशाला में उच्च शिक्षा के सहायक निदेशक श्री दिग्विजय सिंह भी मंचासीन थे। 

कार्यशाला में विभाग प्रचार प्रमुख श्री एस.एल. राठी ने पावर प्रजेन्टेशन द्वारा सोशल मीडिया के विभिन्न घटकों और उपयोगिता के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यशाला में बडी संख्या में राजुवास के शिक्षकों अधिकारियों कर्मचारियों और विभिन्न महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने शिरकत की। 

सोमवार, 13 नवंबर 2017

संघ शाखा व्यक्ति निर्माण का तंत्र - पराग जी अभ्यंकर, अखिल भारतीय सेवा प्रमुख

गुणवत्ता पथ संचलन सम्पन्न
संघ शाखा व्यक्ति निर्माण का तंत्र  - पराग जी अभ्यंकर, अखिल भारतीय सेवा प्रमुख 


 
पाली 12 नवम्बर | राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ  द्वारा आज नगर में पाली विभाग का गुणवत्ता पथ संचलन निकाला गया। जिसमे पूर्ण गणवेश में सैकड़ों स्वंयसेवकों ने कदम से कदम मिलाकर भाग लिया।

एक लय में बजते घोष की ताल पर एक साथ उठते कदम, घोष दंड के हरकतों से ही पूरी कतार पर नियंत्रण और समय की पाबंदी देख लोग आश्चर्य चकित हो गए। यह नजारा शहर में दिखाई दिया। जब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के स्वयंसेवकों ने शहर में गुणवत्ता पथ संचलन निकाला। पूर्ण गणवेश पहने घोष की आवाज के साथ सैकड़ों स्वयंसेवक कदम से कदम मिलाकर सीना ताने दंड धारण किए पूर्ण उत्साह के साथ शहर की गलियों से गुजरे तो हर कोई देखता रहा गया। 

घोष की ध्वनि ने शहर वासियों में जोश भर दिया जहाँ जहाँ से भी संचलन निकला पूरे रास्ते मे माहौल जय शिवा सरदार की....., बोलो रे बेलियो....., वंदे मातरम....., भारत माता की जय....., राष्ट्र भक्ति के उद्घोषों से गूंज उठा। संचलन का जगह जगह भारी पुष्पवर्षा से स्वागत किया गया। बालिकाओं और महिलाओं ने संचलन मार्ग पर स्वंयसेवकों के स्वागत हेतु अनेको जगह रंगोलियां सजाई। हर कोई नागरिक अति उत्साह से संचलन का स्वागत कर रहा था।

संघ के विभाग संघ चालक माननीय कमल गोयल ने बताया कि नए गणवेश में नगर में यह तीसरा संचलन है इस बार पूरे पाली विभाग का गुणवत्ता संचलन निकाला गया है पूर्व में पाली नगर का गुणवत्ता संचलन निकाला गया था। गुणवत्ता पथ संचलन प्रातः 10 बजे दुर्गादास नगर स्थित लोढ़ा स्कूल से प्रारंभ होकर नगर के मुख्य मार्गो सूरजपोल, सोमनाथ मंदिर, सराफा बाजार, रामद्वारा, खोडिया बालाजी, गोकुल वाड़ी से होते हुए सरस्वती स्कूल पहुँच कर समाप्त हुआ।

- कदम से कदम मिलेंगे तभी दिल मिलेंगे -
संचलन के बाद कार्यक्रम के बौद्धिक सत्र में अखिल भारतीय सेवा प्रमुख पराग जी अभ्यंकर ने कहा कि कदम से कदम मिलाकर चलना यह हमारा संस्कार है वेदों में भी कहा गया है साथ मे चलते हुए साथ मे बैठकर के विचार करते हुए साथ में कर्म करने के लिए जो समूह प्रबुद्ध होता है वो हमेशा विजयी हासिल करता है। पूर्व काल मे देवताओं ने भी जो विजय प्राप्त की वो साथ मे मिलकर काम करने से की। कदम से कदम मिलाकर साथ चलने से एक दूसरे के प्रति आत्मीयता का भाव जाग्रत होता है। संचलन तो एक माध्यम है मूल उद्देश्य तो कदम से कदम मिलते हुए हमारे ह्रदय से ह्रदय मिले और साथ मिलकर समाज व राष्ट्र निर्माण का कार्य करें। उन्होंने कहा कि 1925 में संघ की एक घंटे लगने वाली शाखा की स्थापना हुई। वह संघ का मूल आधार है। पिछले 92 वर्ष में संघ में समय-समय पर अनेक परिवर्तन हुए लेकिन शाखा के कार्यक्रमों में कोई परिवर्तन की आवश्यकता नही पड़ी क्योंकि शाखा व्यक्ति निर्माण का तंत्र है। संघ की प्रेरणा से चलने वाले अनेक संगठनों में समाज के बंधुओं को सक्रिय करने का कार्य सतत चल रहा है।

- जगह-जगह हुआ स्वागत -
गुणवत्ता पथ संचलन का जगह-जगह स्वागत किया गया। इसमें जनप्रतिनिधियों के साथ ही विभिन्न संगठनों द्वारा ध्वज पर पुष्पवर्षा कर संचलन का स्वागत किया गया। रास्ते में जगह-जगह नागरिकों ने स्वयंसेवकों का पुष्पवर्षा के साथ स्वागत किया। बालिकाओं और महिलाओं ने भी मार्ग में जगह-जगह रंगोली व पुष्प सज्जा से पथ संचलन का स्वागत किया। लोढ़ा स्कूल से सूरजपोल, सोमनाथ मंदिर, सराफा बाजार, रामद्वारा, खोडिया बालाजी, गोकुल वाड़ी, सरस्वती स्कूल तक विशेष स्वागत किया गया। कई स्थानों पर मुस्लिम समाज के लोगो ने भी पथ संचलन का स्वागत किया।

विश्व संवाद केन्द्र जोधपुर द्वारा प्रकाशित