आज से नागपुर में आरंभ हो रही संघ की अखिल
भारतीय प्रतिनिधि सभा
झलकियां
नागपुर
(विसंकें). हर वर्ष संघ की सर्वोच्च प्रतिनिधि सभा की बैठक मार्च माह में
होती है. पिछले वर्ष यह कोयम्बटूर में हुई थी. प्रत्येक तीन वर्ष के बाद
नागपुर में अ.भा. प्रतिनिधि सभा होती है. इस बार बैठक में कुल 1538
प्रतिनिधि उपस्थित हैं. यह कुल अपेक्षित संख्या की 90 प्रतिशत उपस्थिति है,
और वे देश का 95 प्रतिशत प्रतिनिधित्व करते हैं. बैठक में परिवार के कुल
35 संगठनों के शीर्षस्थ प्रतिनिधि उपस्थित हैं.
सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल जी ने पत्रकार वार्ता में जानकारी दी कि
आज प्रतिनिधि सभा का प्रारंभ सरकार्यवाह भय्याजी जोशी के प्रतिवेदन से
होगा. सह सरकार्यवाह जी ने संघ की कुल शाखा संख्या, उपस्थिति आदि के बारे
में भी जानकारी दी. देश के कुल 95 प्रतिशत जिलों में संघ का कार्य चल रहा
है. देश में 37190 स्थानों पर 58967 शाखाएं प्रतिदिन लगती हैं. साप्ताहिक
मिलन 16405, मासिक मिलन 7976, ऐसे कुल 83348 स्थानों पर संघ की गतिविधियां
चलती हैं. कार्यकर्ताओं के लिये विशेष प्रशिक्षण वर्गों का आयोजन कुल 2035
स्थानों पर हुआ. संघ शिक्षा वर्ग प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष व तृतीय वर्ष
का 86 स्थानों पर आयोजन हुआ, जिसमें 24139 कार्यकर्ताओं ने प्रशिक्षण
प्राप्त किया. 1180 स्थानों पर आयोजित सात दिवसीय प्रशिक्षण वर्गों में कुल
95318 कार्यकर्ताओं ने प्रशिक्षण प्राप्त किया. इस प्रशिक्षण में
स्वयंसेवकों की क्षमता बढ़ाना, समाजभिमुख व्यवहार करना, व्यक्तित्व विकास
पर बल दिया जाता है.
संघ की पिछले वर्ष की गतिविधियों, संपन्न हुए विशेष कार्यक्रम, उपक्रम
की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि लद्दाख के पूजनीय बौद्ध धर्मगुरू नेता
कुशक बकुला जी का जन्मशती वर्ष अनेक स्थानों पर मनाया गया. उन्होंने
पाकिस्तान की नापाक गतिविधियों का हिम्मत से डटकर मुकाबला किया और अपने
कार्य से मुंहतोड़ जवाब दिया.
गत 21 जनवरी को गुवाहाटी में उत्तर असम प्रांत का लुइतपोरिया हिन्दू
समावेश का विशाल एकत्रीकरण संपन्न हुआ. कुल 31151 स्वयंसेवक उपस्थित थे, यह
एक अभूतपूर्व और विशेष कार्यक्रम असम के संघ इतिहास में हुआ. उसमें 80 से
अधिक जानजाति के स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में उपस्थित थे. वहां के विभिन्न
जनजातियों के धर्मगुरू संघ को आशीर्वाद देने के लिये मंच पर उपस्थित थे.
विभिन्न जनजातियों को एकजुट कर राष्ट्र प्रवाह में शामिल होने की दृष्टि से
यह महत्वपूर्ण घटना है. संघ कार्य के मूल उद्देश्य का यह विराट दर्शन था.
उन्होंने कहा कि संघ अपने विभिन्न सामाजिक दायित्वों का निर्वहन हमेशा
करता आया है. अस्पताल, छात्रावास, विद्यालय, ग्राम विकास, जलसिंचन के कार्य
चलाए जाते हैं. किसानों के मध्य अब और अधिक कार्य करने की योजना है. देश
का किसान समृद्ध हो, आर्थिक दृष्टि से संपन्न हो और सांस्कृतिक दृष्टि से
भी समृद्ध हो, ऐसी संघ की इच्छा है और संघ इस दिशा में कार्य आगे बढ़ाना
चाहता है. बैठक में भाषा और बोली के संरक्षण हेतु एक प्रस्ताव पारित होना
है. धीरे-धीरे हमारी बोलियां समाप्त हो रही हैं.
प्रेसवार्ता में अ.भा. प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य जी तथा सह प्रचार प्रमुख नरेंद्र जी भी उपस्थित थे.
स्त्रोत : vskbharat.com
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